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    Kallakurichi Hooch Tragedy: 56 लोगों की मौत पर चुप क्यों है कांग्रेस? तमिलनाडु में हुई जहरीली शराब त्रासदी को भाजपा ने बताया 'हत्याकांड'

    तमिलनाडु में हुई जहरीली शराब त्रासदी को लेकर अब तक विपक्ष की ओर से कोई बयान नहीं आया है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डा. संबित पात्रा ने प्रायोजित हत्या करार देते हुए राज्य में सत्तासीन डीएमके पर मिलीभगत का संदेह जताया है। संबित पात्रा ने सीधा आरोप लगाया कि 32 से अधिक वंचितों की यह मृत्यु नहीं हत्या है।

    By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 23 Jun 2024 07:04 PM (IST)
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    तमिलनाडु में हुई जहरीली शराब त्रासदी को भाजपा ने बताया 'हत्या' (Image: ANI)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमाम मुद्दों पर संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे विपक्ष के लिए भाजपा ने तीखे सवालों से लैस कठघरा बना लिया है। तमिलनाडु के कल्लाकुरची में जहरीली शराब से हुई 56 लोगों की मुत्यु को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद डा. संबित पात्रा ने प्रायोजित हत्या करार देते हुए राज्य में सत्तासीन डीएमके पर मिलीभगत का संदेह जताया है।

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    मौन धारण कर पश्चाताप करेंगे

    इस घटना में खास तौर पर 32 से अधिक वंचितों की मृत्यु का उल्लेख करते हुए पूछा है कि इस गंभीर घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित विपक्ष के अन्य नेता चुप क्यों हैं? पात्रा ने तंज कसा- 'आशा है कि सोमवार को संसद सत्र के पहले दिन आइएनडीआइए के नेता काली पट्टी बांधकर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने पहुंचेंगे और मौन धारण कर पश्चाताप करेंगे।'

    56 लोगों की मौत पर चुप क्यों कांग्रेस?

    भाजपा के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तमिलनाडु स्थित कल्लाकुरची के जिस करुणापुरम गांव में अवैध व जहरीली शराब से कई लोगों की मृत्यु हुई है, दलित बहुल क्षेत्र है। घटना में अब तक कुल 56 लोगों की मौत हुई और 200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इस दुखद घटना पर अब तक मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी सहित आइएनडीआइए के नेता चुप हैं। हमारे बोलने से अधिक उनकी चुप्पी बोल रही है।

    32 से अधिक वंचितों की यह मृत्यु नहीं, हत्या

    संबित पात्रा ने सीधा आरोप लगाया कि 32 से अधिक वंचितों की यह मृत्यु नहीं, हत्या है। इस प्रायोजित हत्या पर इतने राजनीतिक दल इसलिए चुप हैं, क्योंकि इससे उनका राजनीतिक हित नहीं सध रहा है। कुछ रिपोर्टों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अवैध शराब का यह कारोबार शहर के बीचों-बीच, जिला न्यायालय के सामने और पुलिस स्टेशन के बगल में कई दशकों से चल रहा था।

    प्रशासन को सब मालूम था। उसके बावजूद कोई कार्रवाई न होने से 50 से अधिक लोगों का मर जाना छोटा मामला नहीं है। उन्होंने पूछा- जो लोग कैंडल मार्च करते हैं, वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ते हैं, वह आज कहां हैं?

    कौन है गोविंद राजू, भाजपा का आरोप

    भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि मुख्य सरगना गोविंद राजू है। उसके घर के बाहर और अंदर डीएमके के स्टीकर लगे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन बताएं कि क्या वह इसमें शामिल हैं? अब तक चुप क्यों हैं? उन्होंने निर्दलीय पार्षद के आरोप को दोहराया कि इस मामले में प्रेशर पालिटिक्स भी हो रही थी। डीएम ने मंगलवार को जब सड़कों पर शव पड़े थे, तब बयान दिया कि यह मौतें शराब के कारण नहीं हुई हैं। इस कारण जिनके पास स्टाक था, वह बुधवार तक शराब पीते रहे और मौतें होती रहीं। यदि कलक्टर सही कह देते तो कोई फिर उस शराब को हाथ नहीं लगाता और कई जानें बच जातीं।

    अगले दिन विधानसभा का सत्र शुरू

    कलक्टर ने बयान इसलिए दिया, क्योंकि अगले दिन विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला था। शायद मुख्यमंत्री ने खुद कलक्टर को फोन कर कहा कि इस तरह का बयान दीजिए। यह भी आरोप है कि पुलिस का छापा पड़ने से पहले ही अवैध शराब माफिया को सूचना दे दी जाती थी। वहां के विधायक ने कहा है कि वह हर बार विधानसभा में यह विषय उठाना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया जाता था। डीएमके के तमाम पार्षदों से लेकर बड़े मंत्रियों तक पैसा पहुंचाया जाता था।

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