'अच्छे कामों का श्रेय नेहरू को, तो फिर गलत निर्णयों के लिए बोस और टैगौर....', वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान जेपी नड्डा
जेपी नड्डा ने 'वंदे मातरम' पर चर्चा के दौरान कहा कि अगर अच्छे कामों का श्रेय नेहरू को जाता है, तो गलत निर्णयों के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा ...और पढ़ें

जेपी नड्डा। (एएनआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राज्यसभा में वंदे मातरम पर हुई चर्चा के केंद्र में गुरुवार को फिर जवाहर लाल नेहरू रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वंदेमातरम को छोटा व उससे अहम पंक्तियों को हटाने का यह निर्णय तब लिया गया है जब जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे।
उन्होंने ही तुष्टीकरण के लिए यह कदम उठाया जो आज भी कांग्रेस के संस्कार में है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं का यह कहना कि इसे हटाने के लिए नेहरू जिम्मेदार नहीं थे। यह सरासर गलत है।
उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस पार्टी जब उस समय हुए सभी अच्छे कामों का श्रेय नेहरू को देती है, तो फिर गलत कामों के लिए वह सुभाष चंद्र बोस और गुरु रवींद्र नाथ टैगोर को क्यों जिम्मेदार ठहरा रही है। राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए भाजपा अध्यक्ष व नेता सदन नड्डा ने कहा कि कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बुधवार को कहा था कि चर्चा का उद्देश्य नेहरू को बदनाम करना है, लेकिन मेरा उद्देश्य यह कतई नहीं है बल्कि हमारा उद्देश्य रिकॉर्ड को सही रखना है।
कांग्रेस पार्टी को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जब गलती होती है तो भी जिम्मेदार मुखिया ही होता है। उन्होंने कहा कि वंदेमातरम को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। अभी भी कांग्रेस का यह रवैया है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते वंदेमातरम को बैन किया गया था। इसके साथ ही कर्नाटक में कांग्रेस प्रदेश समिति ने अपनी बैठकों में वंदेमातरम को नहीं गाने पर सहमति दी थी।
नड्डा ने इसे लेकर दस्तावेज भी सदन में पेश करने का दावा दिया। ध्यान रहे कि लोकसभा में भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कई तथ्य लिंक के साथ सदन के पटल पर रख दिया था। यानी वह रिकॉर्ड का हिस्सा हो गया। वंदेमातरम पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में दो दिनों में 80 से अधिक वक्ताओं ने अपनी बात रखी। नड्डा ने इस दौरान सावरकर का उल्लेख करते हुए कहा कि जब सावरकर ने वंदे मातरम पर लिखा, तो उस समय ब्रिटिश सरकार ने उन्हें दंडित किया।
चार्जशीट में कहा गया कि यह लेख राजद्रोह करने जैसा है और इसी आधार पर उन्हें काला पानी भेजा गया। इससे स्पष्ट होता है कि अंग्रेज वंदे मातरम की शक्ति व उसके प्रभाव से डरते थे। लेकिन कांग्रेस ने वंदेमातरम में समाहित देश की सोच व संस्कृति से समझौता किया। देश समझौते से नहीं चलता है। सच्चाई से चलता है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वंदेमातरम को वही स्थान दिया जाना चाहिए, जो राष्ट्रीय झंडे और राष्ट्रगान को दिया जाता है। सदन में नड्डा के इस जवाब के दौरान कांग्रेस सांसदों ने कई बातों पर अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई।

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