शहीद औरंगजेब के पिता भाजपा में होंगे शामिल, कहा- मोदी पर फक्र है
देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शौर्य चक्र विजेता शहीद औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन फरवरी को होने वाले जम्मू दौरे के समय इसकी घोषणा हो सकती है।
जम्मू, जेएनएन। देश के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले शौर्य चक्र विजेता शहीद औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन फरवरी को होने वाले जम्मू दौरे के समय इसकी घोषणा हो सकती है। भाजपा नेताओं का कहना है कि मोहम्मद हनीफ के भाजपा में शामिल होने से राजौरी और पुंछ जिले में पार्टी और मजबूत होगी। हनीफ के अलावा और भी कई प्रमुख लोग इस दौरान भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
कौन है औरंगजेब?
14 जून, 2018 को जब राइफलमैन औरंगजेब ईद की छुट्टी पर कश्मीर से घर लौट रहे थे। उस समय आतंकवादियों ने पुलवामा के कालम्पोरा से पहले उनका अपहरण कर लिया था और उसके बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। औरंगजेब उसी टीम में शामिल थे, जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था। शहीद औरंगजेब का परिवार पुंछ जिले में रहता है।
देश के लिए मर मिटने को तैयार है शहीद का परिवार
शहीद औरंगजेब ही नहीं, बल्कि उनके परिवार में भी आतंकवाद से लड़ने और देश भक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। औरंगजेब के पिता जम्मू-कश्मीर लाइट इनफेंट्री के पूर्व सिपाही हैं। यही नहीं, औरंगजेब के दादा भी आर्मी में थे और शहीद हुए थे। आतंकवादियों ने हनीफ के एक चाचा को भी मार डाला था। हनीफ के छह बेटों में सबसे बड़े बेटे का नाम मोहम्मद कासिम है, वह भी आर्मी में ही है। उनके दो छोटे बेटे मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर भी आर्मी में जाने की तैयारी में हैं। शहीद 10 भाई-बहनों में चौथे नंबर का बेटा था, उनकी चार बहनें भी हैं। बता दें कि सलानी ऐसा गांव है जहां भारतीय सशस्त्र बलों के सेवारत या सेवानिवृत्त सैनिकों की बड़ी तादाद है।
भाजपा के नेता कई बार मिल चुके हैं हनीफ से
हनीफ से भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मिल चुके हैं। उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव भी दे चुके हैं। यही नहीं, उनका नाम स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया है। बस अब पार्टी की ओर से घोषणा होना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयपुर में होने वाली जनसभा में इसकी घोषणा कर सकते हैं।
क्या बोले शहीद के पिता
मैं सिर्फ अपने मुल्क और कौम की खातिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा में शामिल हो रहा हूं। हम लोग सरहद के साथ सटे इलाके में रहते हैं, पहले जब कभी पाकिस्तान से गोलाबारी होती थी, तो हमारे फौजियों के हाथ बंधे रहते थे। हम पर अकसर गोले गिरते थे, लेकिन जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं। हमारी फौज ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। आज हालत यह है कि हम बेधड़क हो अपने खेतों में काम करते हैं, क्योंकि हमें पता है कि पाकिस्तान गोला दागने की हिमाकत नहीं करेगा। अगर करेगा तो उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे प्रधानमंत्री की जमात के साथ चलना फक्र की बात है। मेरा बेटा औरंगजेब इसी मुल्क के लिए शहीद हुआ और मैं उसकी शहादत को याद करते हुए उस लीडर के पीछे चलना चाहता हूं, जो कौम और मुल्क के लिए सोचे।
हां, मुझे इस बात का अफसोस है कि मेरे बेटे की शहादत के बाद सऊदी से हमारे इलाके के कई युवक नौकरी छोड़कर घर लौटे थे। वह सभी फौज और पुलिस में भर्ती होना और आतंकियों का सफाया करना चाहते थे। उस समय यकीन दिलाया गया था कि उन्हें भर्ती किया जाएगा, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ है। मैं इस वादे को पूरा कराने के लिए भी प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी से बात करूंगा। मैं चाहूंगा कि सभी कौम परस्त लोग भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चलें। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि शहीद औरंगजेब की शहादत के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत भी उसके परिजनों से संवेदना जताने उनके घर पहुंचे थे।