नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए कोई भी विपक्षी मोर्चा कांग्रेस के बिना संभव नहीं है और अगर 2024 के आम चुनाव के लिए गठबंधन बनता है तो इसमें पार्टी की केंद्रीय भूमिका होगी। हालांकि, रमेश ने कहा कि अभी इस सब के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी क्योंकि कांग्रेस की पहली प्राथमिकता कर्नाटक में आगामी चुनाव और इस साल राज्य के चुनाव हैं।

ममता और अखिलेश पर पलटवार

जयराम रमेश की टिप्पणी ममता बनर्जी (टीएमसी) और अखिलेश यादव (सपा) दोनों के यह कहने के बाद आई है कि दोनों पार्टियां कांग्रेस और भाजपा दोनों से दूर रहेंगी और 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के साथ संभावित बातचीत करेंगी। 

विपक्ष के गठबंधन में कांग्रेस का होना जरूरी

पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि क्या टीएमसी और एसपी की ये बातें विपक्षी एकता को झटका दे सकती हैं, रमेश ने कहा कि टीएमसी और समाजवादी लोग मिलते रहते हैं, इससे हमें कोई फर्क नहीं। उन्होंने कहा कि तीसरा मोर्चा, चौथा मोर्चा बनता रहेगा, लेकिन यदि विपक्ष का गठबंधन बनता है तो कांग्रेस इसमें केंद्रीय भूमिका निभाएगी। कांग्रेस के बिना कोई मोर्चा संभव नहीं है। 

कांग्रेस राज्यों के चुनावों में व्यस्त

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस साल हम राज्यों के चुनावों में पूरी तरह से व्यस्त रहेंगे। पहले कर्नाटक में और उसके बाद तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में चुनाव हैं, इसलिए हम 2024 के चुनावों को बाद में देखेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी विपक्षी गठबंधन के लिए एक मजबूत कांग्रेस जरूरी है, लेकिन फिलहाल पार्टी की प्राथमिकता कर्नाटक चुनाव है, उसके बाद अन्य राज्यों में चुनाव हैं।

अदाणी मामले पर जेपीसी पर अड़े

जयराम रमेश ने आगे अदाणी को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर 16 राजनीतिक दल एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी जेपीसी का विकल्प नहीं हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी के संदर्भ की शर्तें दायरे में सीमित हैं, यह केवल एक जेपीसी है जो हर चीज को उजागर कर सकती है।

Edited By: Mahen Khanna