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    लाल किला पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में क्यों शामिल नहीं हुए राहुल और खरगे? कांग्रेस ने बताई वजह

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 09:04 PM (IST)

    आज भारत 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और देशवासियों को बधाई दी। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे समारोह में अनुपस्थित रहे। कांग्रेस प्रवक्ता अजय उपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी को पिछली बार अंतिम पंक्ति में बैठाया गया था इसलिए संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखने के लिए वे शामिल नहीं हुए।

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    लाल किला पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में क्यों शामिल नहीं हुए राहुल (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराकर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। इस दौरान सभी की नजरें विपक्ष के नेता को ढूंढती रही, लेकिन न तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समारोह में आए और न ही राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हुए।

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    आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित मुख्य समारोह में लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों के नेता विपक्ष शामिल नहीं हुए। आजतक के एक शो में इस मामले पर सवाल करने पर कांग्रेस प्रवक्ता डॉक्टर अजय उपाध्याय ने राहुल और खरगे के न जाने पर सफाई दी।

    नेता विपक्ष की कहां होती है सीट?

    अजय उपाध्याय ने कहा कि राज्यसभा और लोकसभा में नेता विपक्ष का जो पद है वह प्रधानमंत्री के बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ अगली पंक्ति में बैठता रहा है। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक, चाहे जिसकी भी सरकार रही हो यह परंपरा चलती आई है।

    कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस भी दल का नेता विपक्ष रहा हो उसे अगली पंक्ति में बैठाया जाता रहा है। लेकिन, जब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने तो पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनको अंतिम पंक्ति में बैठाया गया था।

    'मर्यादा का हनन न हो'

    अजय उपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ये दोनों नेता संवैधानिक पद पर हैं। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक पद की गरिमा का मामला है। किसी व्यक्ति का मामला नहीं है।

    कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह राहुल गांधी का मामला नहीं है और न ही मल्लिकार्जुन खरगे का मामला है। संवैधानिक पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति के साथ यदि ऐसा किया जाता है तो यह संविधान की मर्यादा का हनन है।

    उन्होंने कहा कि मर्यादा का हनन न हो इसलिए इन दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय पर्व मनाया, राष्ट्रीय ध्वज लहराया और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहते हैं प्रधानमंत्री तो इस पर राजनीतिकरण न हो।

    भाजपा ने किया पलटवार

    कांग्रेस प्रवक्ता की बातों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि आज सीट कहां लगी थी, देखी? इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने लाल किले में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह से विपक्ष के नेता के गैरहाजिर रहने पर कहा कि नेता विपक्ष का पद संवैधानिक पद होता है और इस आयोजन में उनका शामिल होना संवैधानिक कर्तव्य है।

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