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भारत अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता में आज बीका पर हो सकता है समझौता, जानें क्‍या होगा फायदा

भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को टू-प्लस-टू वार्ता होनी है। इस दौरान दोनों देशों के बीच बीका समझौता होगा। देशों के बीच होने वाले चार अहम रक्षा समझौते की यह अंतिम कड़ी है। जानें बीका समझौते से दोनों देशों को क्‍या होगा फायदा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:50 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 03:27 AM (IST)
भारत अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता में आज बीका पर हो सकता है समझौता, जानें क्‍या होगा फायदा
भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को बीका समझौता होगा।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को एक अहम रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हो सकता है। बीका (Basic Exchange and Cooperation Agreement, BECA) नाम का यह समझौता दोनों देशों के बीच होने वाले चार अहम रक्षा समझौते की अंतिम कड़ी है जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध और मजबूत हो जाएंगे। यह दोनों देशों के बीच रक्षा एवं रणनीतिक क्षेत्रों से जुड़े बेहद संवेदनशील डाटा को निर्बाध तरीके से साझा करने का रास्ता साफ कर देगा।

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मंगलवार को भारत और अमेरिका के बीच टू-प्लस-टू वार्ता होनी है। वार्ता भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर (Mark Esper) की अगुवाई में होगी। पोम्पिओ और एस्पर सोमवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे। दिन में राजनाथ सिंह और एस्पर के बीच तकरीबन एक घंटे की बैठक हुई। देर शाम दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक एक घंटे से ज्यादा समय तक चली।

रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना में यह भी बताया गया है कि दोनों मंत्रियों ने इस बात पर संतोष जताया है कि इस यात्रा के दौरान 'बीका' पर हस्ताक्षर किया जाएगा। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने मालाबार सैन्य अभ्यास में आस्ट्रेलिया के शामिल होने का स्वागत किया है। इसके अलावा दोनों मंत्रियों के बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच और संयुक्त स्तर पर सहयोग के नए क्षेत्रों पर विचार विमर्श हुआ है। 

इस बातचीत में सैन्य सहयोग बढ़ाने पर गठित सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की सिफारिशों के मुताबिक कदम उठाने और एक दूसरे के यहां ज्यादा संबंधित अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी सहमति बनी है। बैठक में हथियार निर्माण से जुड़े मसलों पर भी चर्चा हुई है। कल होने वाली टू-प्लस-टू वार्ता में भी हथियार खरीद एवं संयुक्त तौर पर युद्ध सामग्री विकसित करना एक अहम मसला होगा। 

सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ यह जानकारी दी गई कि भारत अभी तक अमेरिका से 20 अरब डॉलर के हथियार खरीद चुका है। भारत सरकार की आत्मनिर्भर योजना के तहत अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनियों की तरफ से भारत में प्लांट लगाने की कई परियोजनाओं पर बातचीत जारी है। वैसे 'बीका' समझौता होने से ही दोनों देशों के बीच सैन्य रिश्ते काफी मजबूत होंगे।

भारत और अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को लेकर चार समझौते करने की सहमति बनी थी। इसमें से तीन अहम समझौते जेनरल सिक्यूरिटी फॉर मिलिट्री इंफोरमेशन एग्रीमेंट (जीएओएमआइए), लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलइएमओए) और द कम्यूनिकेशंस कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्यूरिटी अरेंजमेंट (कॉमकासा) हो चुके हैं और इस कड़ी के अंतिम समझौता 'बीका' होगा। 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत एक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेता है। अमेरिका चाहता है कि भारत के साथ चौतरफा करीबी संबंध विकसित हों। भारत की बड़ी अर्थव्यवस्था, उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने की सरकार की नीति एवं विश्व की एक बड़ी आर्थिक शक्ति बताते हुए अमेरिका ने कहा है कि दोनों देश हिंद-प्रशांत सेक्टर को लेकर भी एक समान मत रखते हैं। 

यह भी देखें: Rajnath Singh, CDS Rawat, Army Chief की Mark Esper से हुई मीटिंग, जानें क्या हुआ


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