Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने सदन की मर्यादा लांघी, मेज पर चढ़कर की नारेबाजी, देखें Video

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Tue, 10 Aug 2021 11:19 PM (IST)

    संसद के मानसून सत्र के महज कुछ दिन और बचे हैं। मगर समूचा चालू सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। पेगासस जासूसी कांड कृषि सुधार के कानूनों और महंगाई समेत अन्य कई मसलों को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया।

    Hero Image
    समूचा चालू सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया

     नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद के मानसून सत्र के महज कुछ दिन और बचे हैं। मगर समूचा चालू सत्र विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। पेगासस जासूसी कांड, कृषि सुधार के कानूनों और महंगाई समेत अन्य कई मसलों को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। राज्यसभा में मंगलवार को हालात इससे भी बदतर हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काले कपड़े पहनकर आए विपक्षी सांसदों ने किया हंगामा

    कृषि संकट पर चर्चा शुरू होने के साथ ही विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आ गए और जमकर हंगामा किया। एक मौका ऐेसा भी आया, जब कुछ विपक्षी सदस्य महासचिव की टेबल पर चढ़ गए। आप के संजय सिंह जहां मेज पर पालथी मारकर बैठ गए, वहीं कांग्रेस सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और रिपुन बोरा मेज पर खड़े होकर नारे लगाकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की। मेज पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों ने आसन की ओर एक फाइल भी फेंकी लेकिन कोई वहां विराजमान नहीं था।

    सदन के भीतर का वीडियो बना बाहर भेजने पर सभापति गंभीर

    करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा होता रहा। बाद में मार्शल इन लोगों को सदन के बाहर ले गए। इसके बाद थोड़ी देर के लिए सदन स्थगित कर दिया गया। सदन फिर शुरू होने पर इन सदस्यों ने फिर मेज पर चढ़कर हंगामा शुरू कर दिया। सदन में विपक्ष के कई सदस्य काले कपड़े पहनकर आए थे। कुछ सदस्यों ने विरोध जताने के लिए काला मास्क लगा रखा था। विपक्षी सदस्यों के सदन के भीतर की कार्यवाही का वीडियो बाहर भेजने को भी सभापति ने गंभीरता से लिया है। सरकार ने विपक्षी दलों के इस रवैए की तीखी आलोचना की है।

    सरकार ने विपक्ष के कृत्य को हदें पार करने वाला बताया

    दरअसल, कृषि संकट को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को अल्पकालिक चर्चा में तब्दील करने के फैसले पर विपक्षी सदस्यों ने तीखा विरोध जताना शुरू किया। कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि उनके ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को सदन की राय लिए बगैर अल्पकालिक चर्चा में तब्दील करना अनुचित है। उसके जवाब में उपसभापति भुबनेश्वर कलिता ने कहा कि यह फैसला सभापति का है, जिस पर सदन की सलाह की जरूरत नहीं है। इसलिए सरकार इससे पीछे नहीं हट सकती है। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने भाजपा के विजयपाल सिंह तोमर को बोलने के लिए बुलाया।

    विपक्ष के हंगामे को असंसदीय और हदें पार करने वाला करार दिया

    सदन में हो रहे हंगामे के बीच तोमर ने कहा कि ऐसे माहौल में कैसे बोला जा सकता है। इसके बावजूद तोमर बोलते रहे। इसके बाद बीजद के सदस्य प्रसन्ना आचार्य ने भी अपनी बात रखी। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में विपक्ष के हंगामे को असंसदीय और हदें पार करने वाला करार दिया। उन्होंने आसन को भी नहीं बख्शा, जमकर अपमान किया।

    सदन में हुए जबर्दस्त हंगामे पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि एक ओर से कृषि से जुडे़ विभिन्न मसलों पर चर्चा कराई जा रही है। लेकिन कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टियां अलोकतांत्रिक रवैया अपना रही है। तोमर ने कहा कि दरअसल, कांग्रेस सरकार की किसानों को समृद्ध करने वाली नीतियों को पचा नहीं पा रही है। विपक्षी दलों के रवैए ने लोकतंत्र को झटका दिया है।

    राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि किसान आंदोलन 9वें महीने में जा चुका है। हम हाथ जोड़कर विनती करते रहे हैं इन क़ानूनों की वापसी पर चर्चा हो। अगर संसद सड़क पर बैठे किसानों की पीड़ा नहीं समझ रही यानी संसद की गरिमा का सत्ता प्रतिष्ठान को ख्‍याल नहीं है।