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एक निजाम जो पेपरवेट के तौर पर करता था 185 कैरट के जैकब हीरे का इस्‍तेमाल!

हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्‍मान अली खान बहादुर की शोहरत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह पेपरवेट के तौर पर हीरे का इस्‍तेमाल किया करते थे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 03:13 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 08:08 PM (IST)
एक निजाम जो पेपरवेट के तौर पर करता था 185 कैरट के जैकब हीरे का इस्‍तेमाल!
एक निजाम जो पेपरवेट के तौर पर करता था 185 कैरट के जैकब हीरे का इस्‍तेमाल!

नई दिल्‍ली (जागरण स्‍पेशल)। हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्मान अली खान द्वारा इस्तेमाल किए गए सोने के हीरे जड़ित बेशकीमती टिफिन बॉक्स और सोने का टी कप चोरी होने के बाद उनका नाम सभी की जुबान पर है। ऐसा इसलिए भी है क्‍योंकि हैदराबाद के निजाम अपनी शानौ-शौकत के लिए काफी चर्चित रहे हैं। हैदराबाद के इस आखिरी निजाम के बारे में हम काफी कम जानते हैं। आपको बता दें कि हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्‍मान अली खान बहादुर का जन्म 6 अप्रैल 1886 को हुआ था। मीर उस्‍मान अली खान के शासन में विकास के बहुत से महत्वपूर्ण काम करवाए थे। उन्हें आधुनिक हैदराबाद का जनक माना जाता है। मीर उस्‍मान अली खान 1911 से 1948 तक हैदराबाद के निजाम रहे। 24 फरवरी 1967 को उनकी मृत्यु हो गयी थी। आईये जानते हैं हैदराबाद के आखिरी निजाम मीर उस्‍मान अली खान बहादुर से जुडी दस बड़ी बातें

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मीर उस्‍मान अली खान अपने पिता मीर महबूब अली खान की मृत्यु के बाद हैदराबाद के निजाम बने। उस समय उनके उम्र केवल 25 साल थी। वो 37 साल तक हैदराबाद के निजाम रहे।

मीर उस्‍मान अली खान ने हैदराबाद में बहुत सी विशाल इमारतों का निर्माण करवाया था। इन प्रमुख इमारतों में उस्मानिया यूनिवर्सिटी, उस्मानिया जनरल अस्पताल और हैदराबाद हाई कोर्ट की इमारत प्रमुख हैं। हैदराबाद की ज्‍यादातर भव्य और शानदार इमारत उनके ही द्वारा बनवायी गयी थी। 

विश्व की जानी मानी टाइम्स मैगजीन ने 1937 में अपने कवर पेज पर उस्‍मान अली खान का फोटो छापा था। टाइम्स मैगजीन  ने 1937 में मीर उस्‍मान अली खान का फोटो विश्व के सबसे अमीर शख्स के तौर पर प्रकाशित किया था। उनके खजाने में बड़े महंगे हीरे, जवाहरात थे। 

हैदराबाद के सातवें और आखिरी निजाम के तौर पर मीर उस्‍मान अली खान ने करीब 37 साल तक हैदराबाद पर शासन किया। इस दौरान रोड, हवाई और रेल मार्ग के द्वारा हैदराबाद को देश से जोड़ने का काम किया गया। इनके शासन के दौरान हैदराबाद में बिजली भी आयी।

मीर उस्‍मान अली खान ने 1965 में 5,000 किलोग्राम सोना नेशनल डिफेन्स फण्ड में दान किया था। इसके पहले इतनी बड़ी संख्या में किसी ने नेशनल डिफेंस फंड में दान नहीं किया था। ये रिकॉर्ड आज भी कायम हैं।

उस्‍मान अली खान ने अपने शासन काल में शिक्षा पर भी ध्यान दिया था। शिक्षा को आगे बढ़ने के लिए कुल बजट का 11 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाता था। 1920 से 1949 के बीच उनका नाम दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार किया जाता था। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को भी शिक्षा के लिए भी दान देने के किस्से इतिहास में सुनने को मिलते हैं।

इंग्लैंड की महारानी क्वीन एलिज़ाबेथ की शादी में निजाम ने उन्हें तोहफे के तौर पर ताज और नेकलेस दिया था। उस्‍मान अली खान के बारे में प्रचलित है कि वो करोडो रूपये के 185 कैरट वाले जैकब हीरे को पेपरवेट के तौर पर इस्तेमाल करते थे।

1941 में इन्होने अपने निजी बैंक हैदराबाद स्टेट बैंक की शुरुआत की थी। बाद में इसका नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद कर दिया थे। 2017 में इसका विलय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कर दिया गया।

1908 में हैदराबाद में बाढ़ आयी थी। इस बाढ़ में करीब 50,000 लोगों की मौत हो गयी थी। इस बाढ़ से सबक लेते हुए उस्‍मान अली खान ने दो लेक का निर्माण करवाया था। इनके नाम उस्‍मान सागर और हिमायत सागर थे। 

बेगमपेट हवाई अड्डे की स्थापना 1930 में निजाम द्वारा हैदराबाद एयरो क्लब के गठन के साथ की गई थी। प्रारंभ में इसे ब्रिटिश भारत में सबसे पुरानी एयरलाइन, निजाम के डेक्कन एयरवेज के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में इस्तेमाल किया गया था।

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