हैदराबाद हाई कोर्ट हुआ इतिहास, तेलंगाना-आंध्र प्रदेश के होंगे अलग-अलग हाई कोर्ट
आंध्र प्रदेश से अलग होकर जून 2014 में अलग राज्य तेलंगाना बनाया गया था। लेकिन अब तक दोनों राज्यों का हाई कोर्ट एक ही था।
हैदराबाद, एएनआइ। हैदराबाद हाई कोर्ट अब इतिहास हो गया है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के अब से अलग-अलग हाई कोर्ट होंगे। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन तथा मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की उपस्थिति में इंदिरा गांधी म्यूनिसिपल स्टेडियम में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सी. प्रवीण कुमार तथा अन्य जजों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को अब अलग-अलग हाई कोर्ट मिल गए हैं। तेलंगाना बनने के बाद से अबतक दोनों राज्यों का एक ही हाई कोर्ट था। इसकी वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब तेलंगाना और आंध्रप्रदेश का अलग-अलग हाई कोर्ट होने से लोगों की काफी परेशानियां कम हो जाएंगी।
आंध्र प्रदेश से अलग होकर जून 2014 में अलग राज्य तेलंगाना बनाया गया था। लेकिन अब तक दोनों राज्यों का हाई कोर्ट एक ही था। हैदराबाद हाई कोर्ट में ही अभी तक दोनों राज्यों के केस सुने जा रहे थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी किए थे। हाई कोर्ट एक जनवरी 2019 से अमरावती से कामकाज शुरू कर देगा। अमरावती राज्य की नई राजधानी है।
नए हाईकोर्ट के गठन से देश में हाईकोर्ट्स की संख्या 25 हो गई है। आदेश के अनुसार, नए हाईकोर्ट का नाम आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट है। अमरावती में इस हाई कोर्ट की मुख्य बेंच है और हैदराबाद स्थित हाईकोर्ट तेलंगाना राज्य के लिए होगा। आदेश के तहत, जस्टिस रमेश रंगनाथन नए हाई कोर्ट के प्रमुख होंगे। फिलहाल वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। नए हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के अलावा 15 जज होंगे।