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    बाबरी मस्जिद को चुनावी हथियार बनाने की कवायद, हुमायूं कबीर ने कहा- 'सिर्फ दान से काम नहीं चलेगा, वोट भी दें'

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 07:06 AM (IST)

    बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति तेज होती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद के मुद् ...और पढ़ें

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    तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे को चुनावी हथियार बनाने का दिया संकेत (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति तेज होती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे को खुलकर चुनावी हथियार बनाने का संकेत दे दिया है।

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    उन्होंने बाबरी मस्जिद का समर्थन कर रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों से साफ कहा कि सिर्फ इसके लिए दान देने से काम नहीं चलेगा, वोट भी देना होगा। बाबरी मस्जिद का निर्माण सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी को कम से कम 90 विधानसभा सीटें जीतनी होंगी। उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी के पास 90 सीटें होंगी तो राज्य की सत्ता की 'चाबीÓ उनके हाथ में होगी।

    हुमायूं कबीर ने कहा-'लोग बाबरी मस्जिद के लिए बहुत पैसा दे रहे हैं। ईंटें दे रहे हैं, आनलाइन चंदा भेज रहे हैं। लेकिन अगर वोट नहीं देंगे तो यह मस्जिद कभी नहीं बनेगी। अगर तृणमूल या भाजपा बहुमत से सरकार बनाती है तो बाबरी मस्जिद का निर्माण नहीं होने देगी।

    हुमायूं कबीर ने गत छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी। इसके बाद से उस स्थल पर लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। गत 19 दिसंबर को जुम्मे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे। खुद हुमायूं कबीर भी मौके पर मौजूद रहे।

    उन्होंने दावा किया कि 22 दिसंबर को बेलडांगा में रिकार्ड तोड़ भीड़ जुटेगी। उसी दिन वे अपनी नई पार्टी की औपचारिक घोषणा करेंगे। हुमायूं पहले ही कह चुके हैं कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।

    कबीर ने नवादा थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी इलाके में एक जनसभा में भी हिस्सा लिया। यह सभा वक्फ अधिनियम को वापस लेने की मांग पर आयोजित की गई थी।

    हुमायूं कबीर का यह रुख बंगाल की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, खासकर मुर्शिदाबाद और आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में।