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    Hindi Diwas 2022: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसा क्या कर दिया, जो बवाल मच गया है

    By Achyut KumarEdited By:
    Updated: Tue, 13 Sep 2022 02:47 PM (IST)

    Hindi Diwas 2022 कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के पत्र से विवाद खड़ा हो गया है। कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि बिना किसी वजह के करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल करके हिंदी दिवस को नहीं मनाना चाहिए।

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    Hindi Diwas 2022: हिंदी दिवस पर कर्नाटक में छिड़ा विवाद

    बेंगलुरु, एजेंसी। Hindi Diwas 2022: कर्नाटक में बुधवार को हिंदी दिवस मनाने को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें जद (एस) और भाजपा के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी (H D Kumaraswamy) ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Chief Minister Basavaraj Bommai) को एक पत्र लिखा है कि हिंदी दिवस मनाना देश के साथ अन्याय करना होगा।

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    भाजपा ने उनके पत्र का खंडन करते हुए कहा है कि कर्नाटक के लोग राजनीतिक मकसद को समझने के लिए काफी चतुर हैं और वे इसकी परवाह नहीं करेंगे। हालांकि, पुलिस कोई चांस नहीं ले रही है और पूरे राज्य में, खासकर बेंगलुरु में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने का फैसला किया है।

    'एक भाषा को तरजीह देना देश का अपमान'

    कुमारस्वामी ने कहा कि देश में हजारों भाषाएं और उप-भाषाएं शामिल हैं और यह 560 प्रांतों का एक महान संघ है जिसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक लोकाचार एक साथ आने के लिए सहमत हैं। उन्होंने कहा, 'इस भूमि पर एक भाषा को तरजीह देना देश का अपमान है।'

    'कन्नड़ भाषा बोलने वालों के साथ होगा विश्वासघात'

    कुमारस्वामी ने कहा, '14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कर्नाटक में जबरदस्ती मनाना सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा कन्नड़ भाषा बोलने वालों के साथ विश्वासघात होगा।' उन्होंने बोम्मई से कन्नड़ लोगों की कीमत पर हिंदी दिवस नहीं मनाने का आग्रह किया है।

    शिक्षा मंत्री ने किया खंडन

    पत्र का कड़ा खंडन करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा कि हिंदी दिवस 1949 से मनाया जाता रहा है। कन्नड़ लोग उनके आह्वान पर कोई ध्यान नहीं देंगे।

    राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया मुद्दा

    नागेश ने कहा कि इस मुद्दे को अब राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है। कुमारस्वामी हर चीज का फायदा उठाना और उसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं। अगर उनकी विचारधारा यही थी तो उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा को समारोह हटा देना चाहिए था।

    भाजपा या पीएम मोदी ने नहीं की हिंदी दिवस समारोह की शुरुआत

    नागेश ने आगे कहा कि हिंदी दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा ने नहीं की थी, यह 1949 से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।'

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