'राजनीति के लिए पर्याप्त समय लेकिन देश...', H-1B वीजा पर खरगे को पूर्व विदेश सचिव के जवाब पर बोले किरेन रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय हितों के लिए सभी को एक साथ बोलना चाहिए। उन्होंने पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल की टिप्पणी का हवाला दिया जिसमें सिब्बल ने खरगे द्वारा एच1-बी वीजा पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्रंप प्रशासन के H-1B वीजा संबंधी कदम पर पूर्व विदेश सचिव की टिप्पणी का सहारा लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजनीति के लिए पर्याप्त समय और जगह है, लेकिन जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है तो हम सभी को भारत के लिए बोलना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्रालय ने पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को दिए गए जवाब को साझा किया है।
खरगे ने विदेश नीति पर उठाए सवाल
एच1-बी वीजा पर कार्रवाई का जिक्र करते हुए, मल्लिकार्जुन खरगे ने कल कहा कि पिछले हफ्ते अपने जन्मदिन पर ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को फोन किए जाने के बाद मिले उपहारों से भारतीय दुखी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी-ट्रंप की पिछली दोस्ती पर कटाक्ष करते हुए कहा कि "गले मिलना" और "खोखले नारे" विदेश नीति नहीं हैं।
उन्होंने कहा, "विदेश नीति हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने, भारत को सर्वोपरि रखने और समझदारी व संतुलन के साथ मित्रता निभाने के बारे में है।"
पूर्व विदेश सचिव ने दिया जवाब
भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कांग्रेस अध्यक्ष को जवाब देते हुए कहा कि "विदेशी दादागिरी के खिलाफ एकजुट होने के बजाय भारत के खिलाफ ट्रंप के विरोधी कदमों के लिए मोदी को दोषी ठहराना हमारे प्रतिरोध को कमजोर करता है। ट्रंप अपने सहयोगियों सहित सभी के प्रति अप्रिय व्यवहार कर रहे हैं। देखिए उन्होंने यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, मैक्सिको आदि को किस तरह अपमानित किया है। उन्होंने सोचा कि वह भारत के साथ अपनी बात मनवा लेंगे। अपने राष्ट्रीय हित की खोज में हमारे प्रतिरोध ने उनके अहंकार को झकझोर दिया है और उनकी दादागिरी को उजागर कर दिया है।"
घरेलू राजनीति के लिए बाहरी चुनौती का फायदे की कोशिश- कंवल सिब्बल
उन्होंने कहा, "क्या विपक्ष भारत विरोधी अमेरिका द्वारा हमारी विदेश नीति के विकल्पों पर निर्देशित होने से इनकार कर रहा है? पाकिस्तान के विपरीत, हमने ट्रंप की सद्भावना अर्जित करने के लिए उनके परिवार और निकट सहयोगियों के साथ कोई व्यापारिक सौदे नहीं किए हैं, जिस पर किसी भी स्थिति में भरोसा नहीं किया जा सकता। घरेलू राजनीति के लिए एक गंभीर बाहरी चुनौती का फायदा उठाने की कोशिश क्यों करें? पिछले कई सालों में अमेरिका के साथ हमारे संबंधों में बहुत कुछ हासिल हुआ है।"
विदेशी दबाव के खिलाफ आंतरिक एकजुटता जरूरी- कंवल सिब्बल
पूर्व विदेश सचिव ने कहा, "अगर ट्रंप इन उपलब्धियों को इसलिए खत्म करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपने MAGA समर्थकों को आकर्षित करना चाहते हैं और क्योंकि वे विदेशी संबंधों को व्यापारिक सौदों की तरह देखते हैं, तो यह केवल भारत की समस्या नहीं है। क्या विपक्ष चाहेगा कि भारत GMO फसलों और डेयरी उत्पादों के लिए अपने दरवाजे खोले? मजाक के बजाय विदेशी दबाव के खिलाफ आंतरिक एकजुटता राष्ट्रीय स्तर पर मददगार होगी, भले ही घरेलू राजनीति में लेन-देन का कड़ा दौर जारी रहे।"
राष्ट्रहित के लिए सभी के एकसाथ बोलना चाहिए- रिजिजू
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने अपनी पोस्ट साझा करते हुए X पर कहा, "कंवल सिब्बल अत्यंत बुद्धिजीवी, पूरी तरह से संजीदा और एक विद्वान राजनयिक हैं जो अपने तीखे और बेहद प्रासंगिक विचारों के लिए जाने जाते हैं। मैं उनका दर्द समझ सकता हूं, जिसने उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष को यह बेहतरीन सलाह देने के लिए मजबूर किया। हमारे पास राजनीति करने के लिए पर्याप्त समय और जगह है, लेकिन जब राष्ट्रीय हितों की बात आती है, तो हम सभी को भारत के लिए बोलना चाहिए।"
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कल H1-B वीजा के लिए नए दिशानिर्देशों की घोषणा की, जिसमें शुल्क में भारी वृद्धि भी शामिल है। H1-B वीजा का इस्तेमाल बड़ी संख्या में भारतीय टेक एक्सपर्ट अमेरिका में काम करने के लिए करते हैं।
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