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Gujarat Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनावों में छाया रहेगा यह मुद्दा, AAP की एंट्री से बढ़ी सियासी तपिश

दिग्‍गज सियासी हस्तियों के दौरों से गुजरात में अभी से चुनावी बयार साफ महसूस की जा रही है। इस बार गुजरात में कई जमीनी मुद्दों पर सियासी बिसात बिछाने की कोशिश हो रही है। प्रस्‍तुत है सूबे की मौजूदा तस्‍वीर बयां करती रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 06 Oct 2022 04:37 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 05:09 PM (IST)
Gujarat Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनावों में छाया रहेगा यह मुद्दा, AAP की एंट्री से बढ़ी सियासी तपिश
दिग्‍गज सियासी हस्तियों के दौरों से गुजरात में चुनावी बयार साफ महसूस की जा रही है।

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। Gujarat Assembly Elections 2022 गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान अभी नहीं हुआ है लेकिन आम आदमी पार्टी की एंट्री ने सियासी तपिश को अभी से बढ़ाने का काम किया है। रैलियों, रोडशो और सभाओं के आयोजन से सूबे में माहौल गर्म है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी, दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी जैसे प्रमुख सियासी हस्तियों के दौरों से चुनावी बयार साफ महसूस की जा रही है। प्रस्‍तुत है सूबे की मौजूदा तस्‍वीर बयां करती रिपोर्ट...

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इस बार भी किसानों का मुद्दा रहेगा हावी

विश्‍लेषकों की मानें तो इस बार भी विधानसभा चुनाव में किसानों का मुद्दा हावी रहेगा। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस किसानों के मुद्दों को उठा रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि किसानों को राज्य और केंद्र की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।

किसानों को लुभाने में जुटी भाजपा

भाजपा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने में जुटी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से शुरू की गई नमो किसान पंचायत का उद्देश्‍य यही है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में श्रमिकों की कमी की चुनौतियों का सामना करने के लिए ड्रोन जैसी तकनीक को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

क्‍या कहते हैं आंकड़े...

साल 2017 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 2012 में उसने 115 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को हुए नुकसान के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया गया था। इन वजहों में जीएसटी के खिलाफ आक्रोश, पाटीदार आंदोलन और सौराष्ट्र क्षेत्र में कृषि संकट शामिल थे। हालांकि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनावों में किसानों पर पूरा फोकस किया था।

किसानों के साथ आम लोगों पर कांग्रेस का फोकस

स‍ितंबर महीने की शुरुआत में कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष ने अपने गुजरात दौरे के दौरान किए गए वादों से पार्टी के संकेतों को अवगत करा दिया था। राहुल ने कहा था कि यद‍ि उनकी पार्टी सत्‍ता में आती है तो किसानों का 3 लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। यही नहीं कांग्रेस आम लोगों पर भी फोकस कर रही है। यही वजह है कि राहुल 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, किसानों को मुफ्त बिजली और आम उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा कर चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर- कृषि कर्ज माफी समेत राहुल ने लगाई वादों की झड़ी

AAP की एंट्री से दिलचस्‍प मुकाबले के आसार

इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से दिलचस्‍प मुकाबले के आसार हैं। अरविंद केजरीवाल अपनी सभाओं में दिल्‍ली मॉडल का हवाला दे रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था कि गुजरात के लोगों ने आम आदमी पार्टी के मुफ्त बिजली के विचारों को पसंद किया है। इन्‍हीं विचारों ने केंद्र सरकार को योजना में बाधा डालने के लिए प्रेरित किया है। सनद रहे आम आदमी पार्टी ने कृषि प्रधान पंजाब में ऐसे ही चुनावी वादे किए थे।  

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