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    'पांच ट्रिलियन में कितने 0' पूछकर उड़ाए थे संबित पात्रा के होश, क्यों हुआ गौरव वल्लभ का कांग्रेस से मोहभंग?

    Updated: Thu, 04 Apr 2024 12:49 PM (IST)

    Gourav Vallabh left Congress पहले बॉक्सर से नेता बने विजेंदर सिंह ने पार्टी छोड़ी तो अब तेजतर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस को बड़ा झट ...और पढ़ें

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    Gourav Vallabh left Congress गौरव वल्लभ ने कांग्रेस छोड़ी।

    एजेंसी, नई दिल्ली। Gourav Vallabh left Congress कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले लगातार झटके लग रहे हैं। पहले बॉक्सर से नेता बने विजेंदर सिंह ने पार्टी छोड़ी तो अब तेजतर्रार राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस छोड़ने से पहले गौरव वल्लभ ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दो पन्नों की चिट्ठी लिखी है।

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    आखिर, गौरव ने लोकसभा चुनाव से कुछ दिनों पहले ही पार्टी क्यों छोड़ी और उनका राजनीतिक करियर कैसा है, आइए जानते हैं।

    दो बार हारे चुनाव

    गौरव वल्लभ के राजनीतिक सफर की बात की जाए तो वो दो बार चुनाव लड़े और दोनों बार ही हारे हैं। पहली दफा उन्होंने 2019 में झारखंड के जमशेदपुर से अपनी किसमत अजमाई थी, जहां वो तत्कालीन सीएम रघुवर दास से हार गए थे। इसके बाद वो 2023 में राजस्थान के उदयपुर से विधानसभा चुनाव लड़े और 32 हजार से ज्यादा वोटों से भाजपा के ताराचंद जैन से हार गए।

    संबित पात्रा से पूछा 0 का खेल

    एक डिबेट के दौरान गौरव वल्लभ ने भाजपा नेता संबित पात्रा से एक सवाल पूछकर होश उड़ा दिए थे। दरअसल, संबित पात्रा  ने डिबेट में मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य की बात की। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से गौरव वल्लभ ने पात्रा से पूछा कि क्या उन्हें पता है 5 ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं। दो-तीन बार पूछने के बाद जब पात्रा ने सवाल को टालना चाहा तो गौरव वल्लभ ने खुद बताया कि 5 ट्रिलियन में 12 जीरो होते हैं।

    कैसे हुआ कांग्रेस से मोहभंग

    गौरव वल्लभ ने आज खरगे को दो पन्नों की चिट्ठी लिख इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस पार्टी अब दिशाहीन हो गई है। गौरव ने कहा कि अब पार्टी में नए आइडिया लाने वाले युवाओं की कद्र नहीं है और न ही बोद्धिक लोगों का सम्मान होता है।

    इसी के साथ उन्होंने कहा कि पार्टी का राम मंदिर के मुद्दे पर स्टैंड भी गलत था और वो सनातन का विरोध नहीं सह सकते हैं।