सीएम हिमंता की सत्ता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने खेला बड़ा दांव, गौरव गोगोई को दी अहम जिम्मेदारी
कांग्रेस ने असम में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गौरव गोगोई को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला है। पार्टी हाईकमान ने 2026 के चुनाव में मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा को चुनौती देने का संदेश दिया है। गोगोई को प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपने का फैसला यह भी दर्शाता है कि पार्टी युवा चेहरों को बड़ी भूमिका देने से पीछे नहीं हटेगी।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। कांग्रेस ने असम के अगले विधानसभा चुनाव में सत्ता की गंभीर दावेदारी पेश करने के लिए अपने युवा नेता गौरव गोगोई को चेहरा बनाने का बड़ा दांव खेल दिया है। लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई को असम प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाते हुए पार्टी हाईकमान ने 2026 के चुनाव में मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा को सीधे चुनौती देने का भी साफ संदेश दिया है।
गोगोई को प्रदेश संगठन की बागडोर सौंपने का फैसला कर कांग्रेस नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी नेतृत्व ऐसे युवा चेहरों को बड़ी भूमिका देने से गुरेज नहीं करेगी जो हिमंता जैसे भाजपा के नेताओं की आक्रामक सियासत का जमीन पर उसी अंदाज में मुकाबला करने का दमखम दिखा रहे हैं।
असम का अगला विधानसभा चुनाव बेहद रोचक होने वाला
कांग्रेस का यह दांव सफलता की कसौटी पर कितना खरा उतरेगा यह तो चुनाव के बाद पता चलेगा मगर इसमें संदेह नहीं कि असम का अगला विधानसभा चुनाव बेहद रोचक और टकरावपूर्ण होगा। साथ ही आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री हिमंता विश्व सरमा और गौरव गोगोई के बीच चल रही आरोपों-प्रत्यारोपों की तीखी निजी जंग और कटु होगी।
खरगे में असम के लिए इन नेताओं को दी जिम्मेदारी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गौरव गोगोई को असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व सौंपते हुए तीन कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है। साथ ही असम कांग्रेस के चेहरे की दौड़ में शामिल रहे कई वरिष्ठ नेताओं को भी साधे रखने के लिए उन्हें अहम चुनावी जिम्मेदारियां दी गई हैं। जाकिर हुसैन सिकदर तथा प्रदीप सरकार के साथ एआइसीसी में सचिव रोसलिना टिर्के को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
जबकि प्रदेश कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष रहे भूपेन कुमार बोरा को विधानसभा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता देबब्रत सैकिया को समन्वय समिति, प्रदुयत बोरडोलोई घोषणा पत्र समिति तथा सांसद रकीबुल हसन को प्रचार समिति का प्रमुख बनाया गया है। इन नियुक्तियों से साफ है कि गौरव गोगोई को मुख्यमंत्री पद के लिए अघोषित चेहरा बनाने का दांव चलने के बाद भी नेतृत्व सूबे के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का जोखिम नहीं उठाना चाहता।
कांग्रेस चेहरा बनने की गोगोई की राह भले ही बहुत मुश्किल न रही हो मगर उनकी चुनावी चुनौतियां कहीं ज्यादा बड़ी हैं। खासकर इस लिहाज से कि प्रदेश कांग्रेस संगठन का ढांचा कमजोर है और उन्हें मुख्यमंत्री हिमंता की प्रदेश भाजपा पर संपूर्ण पकड़ के साथ सत्ता की दोहरी ताकत की चुनौती से रूबरू होना है।
असम में गौरव गोगोई के आने से कांग्रेस को मिलेगी धार
हिमंता पहले से ही गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ के पाकिस्तान से कथित संबंधों को लेकर बेहद तीखे हमले कर रहे हैं। वैसे लोकसभा में कांग्रेस के एक प्रखर वक्ता के रूप में उभरे गौरव गोगोई भी हिमंता तथा उनकी पत्नी के कथित भ्रष्टाचार के मामलों को बेहद मुखर रूप से उठा रहे हैं।
हालांकि यह आम धारणा है कि असम में अन्य नेताओं की तुलना में गौरव गोगोई के आने से कांग्रेस की राजनीति को धार मिलेगी। विशेषकर सूबे के युवा वर्ग में गोगोई की छवि पिछले कुछ समय के दौरान तेजी से बढ़ी है। इसीलिए हिमंता के उन पर हमले भी तेज हुए हैं।
हिमंता का मुकाबला करने के साथ-साथ पार्टी के भीतर भी गौरव गोगोई को सैकिया, बोरदोलोई और भूपेन बोरा जैसे वरिष्ठ नेताओं की चुनौती को साधे रखने की राह आसान नहीं होगी। इसीलिए गोगोई ने प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की घोषणा के बाद एक्स पर हाईकमान का आभार जताने के साथ ही सूबे के वरिष्ठ नेताओं के सहयोग से असम के लोगों का आशीर्वाद मांगने की बात कह सबको साथ लेकर चलने का संदेश भी दिया।
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