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    Telangana Election: पिछले चुनाव में BJP को मिली थी केवल 1 सीट, इस बार मजबूत रणनीति से TRS को टक्कर देगी पार्टी

    By Preeti GuptaEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sun, 29 Jan 2023 02:33 PM (IST)

    तेलंगाना में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल तैयार हैं। तो वहीं बीजेपी भी टीआरएस को टक्कर देने के लिए रणनीतियों पर काम कर रही है। बीजेपी को विश्वास है कि वह तेलंगाना में जीत दर्ज कर्नाटक के बाद अपना दूसरा कदम स्थापित करेगी। (फाइल फोटो)

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    तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में मजबूत रणनीति से TRS को टक्कर देगी बीजेपी।

    हैदराबाद (आईएएनएस)। तेलंगाना में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी केवल एक सीट ही जीत पाई थी। अब भगवा पार्टी की पूरी निगाह 2023 के चुनाव पर है। इसने राज्य के विधानसभा में बहुमत हासिल करने का मिशन बनाया है। बीजेपी को विश्वास है कि वह तेलंगाना में जीत दर्ज कर दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद अपना दूसरा कदम स्थापित करेगी।

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    बीजेपी की स्थिति और हुई मजबूत

    भाजपा ने 2019 में राज्य के चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद दो विधानसभा उपचुनाव जीतकर और ग्रेटर हैदराबाद के नगरपालिका चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन करके पार्टी ने अपनी स्थिति और मजबूत की। 2018 के विधानसभा चुनावों में, टीआरएस ने 88 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी।

    टीआरएस की तीन सीटों पर बीजेपी ने मारी थी बाजी

    2018 के चुनाव में बीजेपी का सिर्फ एक कैंडिडेट राज्य के सदन में पहुंच सका था। तब पार्टी केवल नौ निर्वाचन क्षेत्रों में दूसरे स्थान पर रही। अधिकांश सीटों पर इसके उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त हो गई थी। हालांकि, कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबको चौंका दिया। पार्टी ने ना केवल सिकंदराबाद सीट को बरकरार रखा, बल्कि टीआरएस की तीन अन्य सीटों करीमनगर, निजामाबाद और आदिलाबाद सीटों पर भी जीत हासिल की।

    भाजपा का मनोबल बढ़ा

    पिछले विधानसभा उपचुनावों में हुजुराबाद व दुब्बक सीट पर जीत ने भी भाजपा का मनोबल बढ़ाया। हालांकि, पिछले साल नवंबर में मुनूगोड़े के उपचुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने की भाजपा की उम्मीदों को तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने धराशायी कर दिया। तब कांग्रेस विधायक कोमातीरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा था।

    गृह मंत्री अमित शाह ने राजगोपाल रेड्डी के लिए मुनूगोड़े का दौरा किया था और लोगों से उन्हें चुनने का आग्रह किया था। शाह ने ये भी भविष्यवाणी की थी कि राजगोपाल की जीत के एक महीने के भीतर राज्य में टीआरएस सरकार गिर जाएगी। तब टीआरएस ने बीजेपी उम्मीदवार को 10 हजार से अधिक वोटों से हराया था।

    नगरपालिका में बढ़ाई संख्या

    भाजपा ने पिछले चुनावों में 150 सदस्यीय नगरपालिका निकाय में अपनी संख्या में चार से 48 तक इजाफा किया। इस जीत के बाद, भगवा पार्टी को आने वाले चुनावों में अपने लिए एक मौका दिखाई देने लगा है। यही कारण है कि पार्टी यहां अपनी पूरी ऊर्जा झोंक रही है। पिछले कुछ महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और कई केंद्रीय मंत्रियों के दौरों से पता चलता है कि पार्टी तेलंगाना को कितना महत्व दे रही है।

    बीआरएस को मात देने के लिए तैयार है बीजेपी

    राज्य पर भाजपा का ध्यान इसलिए भी है क्योंकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। देश भर में विस्तार के लिए वे अपनी पार्टी टीआरएस को बीआरएस(भारत राष्ट्र समिति) में बदल रहे हैं। बीआरएस प्रमुख राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी दलों को एक मंच पर लाने की पहल कर रहे हैं। वहीं, भगवा पार्टी उनके घरेलू मैदान पर ही उन्हें मात देने का हर संभव प्रयास करेगी।

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    कई मंत्रियों का तेलंगाना में कार्यक्रम

    कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्य की ओर रुख कर रहे हैं। अगले कुछ दिनों में कई केंद्रीय मंत्रियों का तेलंगाना में कार्यक्रम है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भी फरवरी में हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बीजेपी आक्रामक तेवर दिखाने की फिराक में है। भाजपा भावनात्मक मुद्दों को उठा रही है, जो बहुसंख्यक समुदाय के वोटों को हासिल करने में मदद कर सकता है।

    ऐसे मिलेगा बीआरएस को फायदा

    वहीं, कई दलों की मौजूदगी से एंटी-इनकंबेंसी वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिसका बीआरएस को फायदा मिलेगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा उत्तर तेलंगाना पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिस क्षेत्र ने पार्टी को 2019 में तीन लोकसभा सीटें दीं। इसके अलावा बीजेपी की निगाहें ग्रेटर हैदराबाद और उसके आसपास के जिलों में भी अच्छी-खासी सीटों पर होंगी।

    आगामी चुनाव केवल बीआरएस बनाम बीजेपी होगा

    राजनीतिक पर्यवेक्षक पलवई राघवेंद्र रेड्डी ने कहा कि बीजेपी की कई निर्वाचन क्षेत्रों में जमीन पर मजबूत उपस्थिति नहीं है, लेकिन इसके नेताओं का मानना ​​है कि ये सत्ता विरोधी लहर के कारण सरकार बना सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी ये कहानी बनाने की कोशिश कर रही है कि आगामी चुनाव केवल बीआरएस बनाम बीजेपी होगा।

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