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    Parliament Session: संसद में भड़कीं निर्मला सीतारमण, बोलीं- 'वाजपेयी ने इंदिरा को कभी नहीं कहा दुर्गा'

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 05:12 PM (IST)

    संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान एक बिल पर बहस करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल के बयान पर पलटवार करते हुए निर्मला ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी भी इंदिरा गांधी को दुर्गा नहीं कहा। सीतारमण ने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण भी नहीं है।

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    कांग्रेस पर बरसीं निर्मला सीतारमण (फोटो: पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में चर्चा के दौरान अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा हो, इसका कोई भी सबूत नहीं है।

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    वेणुगोपाल ने कही थी बात

    दरअसल संसद में बैंककारी विधियां (संशोधन) विधेयक 2024 पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान भाजपा सांसद संबित पात्रा ने नागरवाला केस का जिक्र करते हुए इंदिरा गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी का नाम रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए।

    निर्मला सीतारण ने बोला हमला

    वेणुगोपाल ने कहा कि 'इंदिरा गांधी को अटल बिहारी वाजपेयी ने भी दुर्गा कहकर संबोधित किया था।' इस पर जवाब देने के लिए सीतारमण खड़ी हुईं। उन्होंने कहा कि 'अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी इंदिरा गांधी को दुर्गा नहीं कहा और न ही इसका कोई सबूत है। उन्होंने कहा कि ये बात पूरी तरह से निराधार है।'

    निर्मला सीतारमण ने बोला हमला3 (फोटो: पीटीआई)

    निर्मला ने कहा कि 'बहुत से लोग मानते हैं कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं कहा। इसलिए संसद की कार्यवाही से यह बात भी हटायी जानी चाहिए।' इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने आश्वस्त किया कि रिकॉर्ड में यह बात पुष्टि के बाद ही जोड़ी जाएगी।

    क्या है नागरवाला केस?

    ये मामला साल 1971 का है। तब भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े थे। 24 मई की रोज दिल्ली के पार्लियामेंट रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर 60 लाख रुपये कैश निकाले गए थे। कहते हैं कि ब्रांच के चीफ कैशियर वेद प्रकाश मल्होत्रा की इंदिरा से बात भी हुई थी।

    हालांकि बाद में ये मामला फर्जी पाया गया और इस तरह देश के सबसे बड़े बैंक के साथ 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई थी। पुलिस ने कैश लेने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। उनका नाम था रुस्तम नागरवाला। नागरवाला की कुछ समय बाद दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

    अबूझ पहेली बन गया केस

    इस मामले की सच्चाई क्या है, ये आज तक किसी को पता नहीं चल पाया। एसबीआई ने कैशियर मल्होत्रा को बर्खास्त कर दिया, तो उसे इंदिरा गांधी की सरकार में नौकरी दे दी गई।

    नागरवाला पर सीआईए का पिट्ठू होने के भी आरोप लगे। कहते हैं कि उसे इंदिरा गांधी का संरक्षण प्राप्त था, वरना वह प्रधानमंत्री के नाम पर धोखाधड़ी की हिमाकत नहीं कर सकता था। हालांकि कांग्रेस इसे इंदिरा गांधी को बदनाम करने की साजिश मानती है।