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Ratul Puri case: ईडी का खुलासा- '1,492.36 करोड़ का है रतुल पुरी का बैंक फ्रॉड'

प्रवर्तन निदेशालय ने खुलासा किया है कि मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी द्वारा की गई कथित बैंक धोखाधड़ी 1492.36 करोड़ रुपये की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 02:38 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 04:15 PM (IST)
Ratul Puri case: ईडी का खुलासा- '1,492.36 करोड़ का है रतुल पुरी का बैंक फ्रॉड'
Ratul Puri case: ईडी का खुलासा- '1,492.36 करोड़ का है रतुल पुरी का बैंक फ्रॉड'

नई दिल्‍ली, आइएएनएस। Ratul Puri case प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने खुलासा किया है कि मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी (Ratul Puri) द्वारा की गई कथित बैंक धोखाधड़ी लगभग 1,492 करोड़ रुपये की है। यह रकम केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई शिकायत में उल्‍लेखि‍त 354 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से काफी ज्‍यादा है। ईडी सूत्रों ने बताया कि रतुल पुरी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

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रतुल पुरी से जुड़े केस की जांच कर रहे ईडी के एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जांच में पाया गया है कि मोजर बेयर ने राजीव सक्सेना की कंपनी पैसिफिक इंटरनेशनल एफजेडई (Pacific International FZE) से ब्लू रे डिस्क खरीदी थी। यह डिस्‍क सिंगुलस टेक्नोलॉजीज जर्मनी (Singulus Technologies, Germany) से खरीदी गई थी। यह खरीदारी 33 लाख रुपये में हुई थी और दाम में लगभग दोगुने का अंतर था। सक्सेना ने मिडास मेटल्स इंटरनेशनल एलएलसी (Midas Metals International LLC) से मोजर बेयर समूह को सौर ऊर्जा पैनलों की आपूर्ति का व्यवसाय शुरू किया। ये पैनल श्चिम एशिया ट्रेडिंग और एनटरटेक लिमिटेड (West Asia Trading and Enertec Ltd) से हासिल किए गए थे।

अधिकारी ने बताया कि रतुलपुरी की कंपनियों का इस्‍तेमाल लाभ कमाने के साथ साथ नकदी को इधर से उधर करने में किया गया है। रुपयों की यह कथित हेराफेरी 1,492.36 करोड़ रुपये की है। ईडी के सूत्रों की मानें तो रतुल पुरी साल 2012 तक मोजर बेयर के कार्यकारी निदेशक थे। सूत्र ने बताया कि अपराध का पता लगाने के लिए, कई लोगों को तलब किया गया है और उनके बयान रतुल की हिरासत रिमांड के दौरान दर्ज किए गए हैं। सूत्र ने बताया कि ईडी के वकील विकास गर्ग और डी.पी. सिंह ने सोमवार को अदालत को बताया कि कैसे पुरी के वकील विजय अग्रवाल जांच को भटकाने और उसमें देरी के लिए कोशिश कर रहे थे।

ईडी के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि विजय अग्रवाल ने सभी 25 आरोपियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसमें ग्रुप के सदस्यों को उनसे ईडी के समन और उनके द्वारा एजेंसी को दिए जाने वाले जवाबों के बारे में बताने को कहा गया था। अग्रवाल ने आरोपियों को ईडी के अधिकांश सवालों के जवाब 'याद नहीं है', या 'याद नहीं कर पा रहा हूं' जैसे वाक्‍यों में देने को कहा था। सूत्र ने बताया कि रतुल पुरी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्‍होंने जानबूझकर खातों और बैंक स्टेटमेंट से जुड़े दस्तावेज नहीं दिए हैं। साथ ही लेनदेन के सुराग का खुलासा नहीं किया है।

बता दें कि बैंक लोन धोखाधड़ी के केस में गिरफ्तार कारोबारी रतुल पुरी की रिमांड को सीबीआइ कोर्ट ने चार दिन के लिए बढ़ा दिया है। रतुल पुरी को कोर्ट में अब 30 अगस्त को पेश किया जाएगा। इससे पहले कोर्ट ने रतुल पुरी को छह दिन की हिरासत में भेजा था। इस दौरान ईडी उनसे पूछताछ करेगी। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपित रतुल पुरी की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट खारिज कर चुका है। फैसले में न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ ने कहा था कि मामले की प्रभावी जांच के लिए रतुल पुरी को हिरासत में लेना जरूरी है।


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