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    Emergency Row: गिरिराज सिंह ने याद दिलाया मुलायम का किस्सा तो कांग्रेस ने भाजपा के इन फैसलों को बताया काला इतिहास

    25 जून 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हो गई है। एक तरह जहां कांग्रेस और उसके सहयोगी दल संवैधानिक मूल्यों पर कथित हमले के लिए मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं वहीं भाजपा और एनडीए के नेताओं ने आपातकाल के मुद्दे पर कांग्रेस पर जवाबी हमला किया।

    By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 26 Jun 2024 05:58 PM (IST)
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    'आपातकाल' को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हो गए हैं। (File Photo)

    एजेंसी, नई दिल्ली। आपातकाल की 49वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) अब आमने-सामने हो गई है। बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। 

    भाजपा ने 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और संविधान का उल्लंघन करने के लिए विपक्षी पार्टी से माफी मांगने की मांग की। वहीं कांग्रेस ने भाजपा पर पिछले 10 वर्षों में 'अघोषित आपातकाल' लागू करने का आरोप लगाया।

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    चिदंबरम ने बताया- भाजपा को वोट कम क्यों मिले

    कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने 1975 के आपातकाल पर टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। पी चिदंबरम ने कहा कि देश के लोगों ने 18वीं लोकसभा के लिए इस तरह से मतदान किया है कि कोई भी शासक संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकता। इस बार लोगों ने भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को कम करने के लिए मतदान किया है।

    चिदंबरम बोले- संविधान से ही आपातकाल खत्म हुआ

    चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल हमें संविधान की रक्षा करने की याद दिलाता है। यह बिल्कुल सच है। मैं बताना चाहता हूं कि संविधान ने लोगों को एक और आपातकाल को रोकने का भी अधिकार दिया है। लोगों ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करके ही भाजपा की महत्वाकांक्षाओं को कम करने के लिए मतदान किया।

    खरगे ने बताया पिछले 10 वर्षों मे क्या-क्या हुआ

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आपने भी 'अघोषित आपातकाल' का आभास करवाया। विपक्षी नेताओं पर ईडी और सीबीआई के छापे लगवाए। चुनाव से पहले मुख्यमंत्रियों को जेल में डलवा दिया। नोटबंदी, लॉकडाउन, चुनावी बॉन्ड... ऐसे सैकड़ों उदहारण है, जो भाजपा के काले इतिहास को दर्शाता है। क्या यह अघोषित आपातकाल नहीं है?

    संसद के बाहर कांग्रेस के खिलफ नारे

    वहीं बुधवार को भाजपा ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा आपातकाल लगाने की निंदा करने और संविधान पर हमले के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आलोचना करने के बाद भाजपा नेताओं ने संसद के बाहर एकत्र होकर कांग्रेस के खिलफ नारे लगाए।

    आपातकाल के लिए कांग्रेस माफी मांगो

    केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रहलाद जोशी, किरन रिजिजू और ललन सिंह समेत अन्य सांसदों ने मिलकर कांग्रेस पर हमला बोला। भाजपा नेताओं ने नारे लगाए, 'आपातकाल के लिए कांग्रेस शर्म करो और 'आपातकाल के लिए माफी मांगो।

    संविधान को मिटाने की कोशिश

    भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जो लोग संविधान को बचाने की बात कर रहे हैं, उन्हें आईना दिखाना चाहिए। ये वही लोग हैं जिन्होंने संविधान को मिटाने की कोशिश की थी।

    राहुल को संविधान की बात करने का अधिकार नहीं

    जदयू सांसद और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस पार्टी ने आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं, लोगों से उनके अधिकार छीन लिए थे। राहुल को संविधान की बात करने का कोई अधिकार नहीं।

    समाजवादी पार्टी पर गिरिराज सिंह का कटाक्ष

    केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समाजवादी पार्टी जैसे कांग्रेस के सहयोगियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए नेताओं में अखिलेश यादव के पिता और समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव भी शामिल थे।

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