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    नई पार्टियों के गठन पर चुनाव आयोग की सख्ती, शपथ पत्र में गड़बड़ी पर निरस्त हो जाएगा आवेदन

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:51 PM (IST)

    चुनाव आयोग ने नए राजनीतिक दलों के पंजीकरण में सख्ती दिखाई है। पंजीकरण के दौरान लिए जाने वाले सदस्यों के शपथ पत्रों में से 20 की जांच होगी। गड़बड़ी मिलने पर आवेदन रद्द होगा और कार्रवाई की जाएगी। यह कदम पंजीकरण आवेदनों में गड़बड़ियों के बाद उठाया गया है। राज्य निर्वाचन पदाधिकारी आवेदनों की जांच करेंगे। जानकारी समय पर न देने पर आवेदन निरस्त होगा।

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    नई पार्टियों के गठन पर चुनाव आयोग की सख्ती (पीटीआई)

    अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली: निष्क्रिय गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्ती के बाद चुनाव आयोग ने अब नए राजनीतिक दलों के पंजीयन को लेकर भी सख्ती दिखाई है। जिसमें अब नए राजनीतिक दलों के पंजीयन के दौरान अनिवार्य रूप से लिए जाने वाले सौ सदस्यों के शपथ पत्रों में से किसी भी 20 शपथ पत्रों की अब औचक रूप से जांच की जाएगी। यदि इनमें किसी तरह की गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा पाया जाएगा तो आवेदन निरस्त करने के साथ ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी जाएगी।

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    चुनाव आयोग ने यह कदम नए राजनीतिक दलों के पंजीयन के लिए किए जाने वाले आवेदनों को लेकर हाल ही में मिली गड़बडि़यों के बाद यह कदम उठाया है। इसके तहत नए दलों के पंजीयन के लिए किए जाने वाले आवेदनों की पूरी जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के जरिए सत्यापित कराया जाएगा।

    आयोग ने इसके साथ ही नए दलों के पंजीयन के लिए किए जाने वाले आवेदन से जुड़ी जानकारी को मांगे जाने पर उसे तय समय में देने की व्यवस्था भी बनाई है। यदि उस समय सीमा के भीतर संबंधित जानकारी नहीं उपलब्ध होगी तो आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा।

    अभी आयोग किसी भी जानकारी को लेकर लंबा इंतजार करता रहता था। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने हाल ही में निष्कि्रय 334 गैर- मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों के पंजीयन को रद कर दिया है, साथ ही निष्कि्रय करीब 476 गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत दलों को नोटिस भी जारी किया है।

    आधार को 12 दस्तावेज के रूप में शामिल करने के चुनाव आयोग ने दिए निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए चुनाव आयोग ने मंगलवार को बिहार में एसआइआर के दौरान आधार को 12वें दस्तावेज के तौर पर शामिल करने के निर्देश दिए है। आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को दिए गए निर्देश में इसका तत्काल पालन कराने को कहा है। साथ ही सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, मतदाता पंजीयन अधिकारी व सहायक मतदाता पंजीयन अधिकारियों को भी इसे लेकर निर्देश देने को कहा है।

    हालांकि, आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यह साफ किया है कि आधार का इस्तेमाल सिर्फ पहचान के रूप में होगा। यह नागरिकता को प्रमाणित नहीं करेगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआइआर पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था।

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