Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'भारत को लोकतांत्रिक पतन की ओर धकेल रहा है चुनाव आयोग', डीएमके मंत्री ने EC पर बोला तीखा हमला

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:43 PM (IST)

    तमिलनाडु के आईटी मंत्री डॉ. पीटीआर पलानीवेल त्यागराजन ने राज्य में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भारत के चुनाव आयोग (ईसी) पर तीखा हमला किया है, समय पर सवाल उठाया है और चेतावनी दी है कि इस अभ्यास से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित होने का खतरा है।

    Hero Image

    'भारत को लोकतांत्रिक पतन की ओर धकेल रहा है चुनाव आयोग', डीएमके मंत्री (फोटो- एक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के आईटी मंत्री डॉ. पीटीआर पलानीवेल त्यागराजन ने राज्य में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भारत के चुनाव आयोग (ईसी) पर तीखा हमला किया है, समय पर सवाल उठाया है और चेतावनी दी है कि इस अभ्यास से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले बड़े पैमाने पर मताधिकार से वंचित होने का खतरा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डीएमके ने एसआईआर पर रोक लगाने की मांग की

    एक इंटरव्यू के दौरान डॉ. त्यागराजन ने कहा कि डीएमके ने एसआईआर पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एसआईआर का उद्देश्य तो स्वीकार्य है, लेकिन इसका समय, कार्यप्रणाली और क्रियान्वयन गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भारत को लोकतांत्रिक पतन की ओर धकेल रहा है।

    पीटीआर ने कही ये बात

    पीटीआर ने सवाल उठाया कि जो लोग 2002 और 2005 के एसआईआर अभ्यासों का हिस्सा थे, उन्हें अब स्वचालित रूप से शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2005 के एसआईआर मतदाताओं का सत्यापन होना नामुमकिन है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लगभग 33 फीसदी मतदाता, जो शामिल होने के योग्य थे, अब उन्हें अपना सत्यापन पुनः कराना होगा।

    उन्होंने तर्क दिया कि एसआईआर का कार्यभार अवास्तविक है, विशेषकर तब जब अप्रशिक्षित चुनाव आयोग के कर्मचारी चुनाव कार्य के साथ-साथ पूर्णकालिक कर्तव्यों का भी निर्वहन कर रहे हैं।

    पीटीआर की आलोचना का एक प्रमुख हिस्सा यह है कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के मशीन-पठनीय संस्करण को साझा करने से कथित तौर पर इनकार कर दिया है। उन्होंने मतदान और मतगणना के आंकड़ों के बीच विसंगतियों की ओर भी इशारा किया और चुनाव आयोग पर फॉर्म 17 के आंकड़े जारी नहीं करने का आरोप लगाया।