जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखा पत्र, कहा-कालेजियम पर बहस को संसदीय संप्रभुता की आड़ में न ढकें
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के द्वारा सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणी पर उन्हें एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि कालेजियम पर बहस को संसदीय संप्रभुता की आड़ में नहीं ढकना चाहिए।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें न्यायपालिका पर सोनिया गांधी की टिप्पणी को उन्होंने अनुचित बताया था। जयराम रमेश ने कहा कि कालेजियम पर बहस को संसदीय संप्रभुता की चिंता की ओट में ढंकना ठीक नहीं। मौजूदा शासन से पहले और कालेजियम प्रणाली की शुरुआत के बाद से किसी सरकार ने न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया है।
सोनिया गांधी ने एक दिन पहले सदन में सरकार पर न्यायपालिका को कमजोर करने का आरोप लगाया था। इस पर धनखड़ ने कहा था कि सोनिया गांधी का बयान उनके आकलन से काफी दूर हैं।
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जयराम रमेश ने शुक्रवार को सभापति को पत्र लिखकर कहा कि क्या यह तथ्य सही नहीं है कि कालेजियम की सिफारिशों के बावजूद सरकार ने कई मौकों पर महत्वपूर्ण न्यायिक नियुक्तियों में देरी की है। साथ ही सरकार ने न्यायाधीशों के तबादले और हटाने के लिए तेजी के साथ काम किया है। क्या यह सही नहीं है कि एनजीटी जैसे न्यायिक प्राधिकरणों के लिए योग्यता और नियुक्ति के तरीके में संशोधन करने का प्रयास किया गया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था?
इससे पहले, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोनिया गांधी के बयान पर की गई अपनी टिप्पणी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की होती तो उन्होंने अपनी शपथ से न्याय नहीं किया होता और अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धताओं के प्रति विफल रहते।
बता दें, संसद की कार्यवाही को शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सदन की कार्यवाही 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 97 फीसदी काम हुआ।

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