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Shaheen Bagh Protest : ये क्‍या, सुरक्षा बढ़ाते ही शाहीन बाग में घट गए प्रदर्शनकारी

Shaheen Bagh Protest सीएए और नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटिजन के विरोध में शाहीन बाग धरने में जाने वालों की सुरक्षा जांच कड़ी की गई तो यहां आने वाले लोगों की संख्या भी कम हो गई।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 03:57 PM (IST)
Shaheen Bagh Protest : ये क्‍या, सुरक्षा बढ़ाते ही शाहीन बाग में घट गए प्रदर्शनकारी
Shaheen Bagh Protest : ये क्‍या, सुरक्षा बढ़ाते ही शाहीन बाग में घट गए प्रदर्शनकारी

नई दिल्‍ली [अंकुर अग्निहोत्री]। दिल्‍ली के विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा काफी गरमा रहा है। भाजपा, आप और कांग्रेस शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्‍यारोप कर रही हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटिजन (NRC) के विरोध में शाहीन बाग धरने में जाने वालों की सुरक्षा जांच कड़ी की गई, तो यहां आने वाले लोगों की संख्या भी कम होने लगी है। अभी कुछ दिन पहले ही धरने पर बैठे लोग दो गुटों में बंट गए थे। हालांकि, कुछ देर बाद विवाद खत्म हो गया था। इसका असर अब साफ दिखने लगा है। शाहीन बाग में जहां पहले धरनास्थल प्रदर्शनकारियों से खचाखच भरा रहता था, अब वो खाली नजर आता है। टेंट के अंदर महिलाओं की मौजूदगी भी कम होने लगी है। सड़क के बीचोंबीच चलाए जा रहे लंगर को सड़क किनारे शिफ्ट कर दिया गया है।

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चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

फायरिंग का मामला सामने आने के बाद धरनास्थल पर जाने वाले सभी रास्तों पर भारी संख्या में पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की टुकडि़यों को तैनात कर दिया है। वहीं, बिना चेकिंग के किसी को भी धरनास्थल पर जाने नहीं दिया जा रहा। प्रदर्शनकारी अपने स्तर पर भी धरना स्थल पर आने वाले लोगों की चेकिंग कर रहे हैं। 51 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के कारण स्थानीय दुकानदारों का व्यापार चौपट हो गया है और स्थानीय लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। स्थानीय दुकानदार पिछले 50 दिनों से दुकान का शटर तक नहीं खोल पाए हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि दुकानें बंद होने से उनमें भरा सामान खराब हो रहा है।

दीवारों पर बना रहे पेंटिंग

प्रदर्शन के दौरान स्टेज से कुछ दूरी पर छात्र अपना विरोध जताते हुए आसपास के घरों की दीवारों पर पेंटिंग बना रहे हैं। लोहे की पाइप से बनी स्टेज पर बैठकर तकरीबन 10 से ज्यादा छात्र ऐसी तस्वीरें बना रहे हैं, जिनमें दादियों के हाथ में संविधान की किताब पकड़े हुए पें¨टग बनाई गई है। छात्रों का कहना है कि इतनी सर्दी में दादियां सड़कों पर बैठी हैं और यही हमारी हिम्मत है। दूसरी तरफ इस प्रदर्शन को सड़क से हटवाने के लिए स्थानीय लोग भी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्होंने तत्काल सड़क खाली करवाने की मांग की है।

...तो शाहीन बाग वाले टेंट उखाड़कर भाग जाएंगे!

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के मद्देनरज चुनावी लाभ के लिए शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के विरोध में यह प्रदर्शन शुरू हुआ है। आम आदमी पार्टी इसे बढ़ावा दे रही है। भाजपा की सरकार बनते ही शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वाले खुद अपना टेंट समेटकर चले जाएंगे। इससे पहले दिल्‍ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा भी कुछ इसी तरह का बयान शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारियों के लिए दे चुके हैं। मोदी सरकार के इरादे साफ हैं कि वह किसी भी कीमत पर सीएए के मुद्दे पर झुकने वाले नहीं हैं।


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