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रक्षा मंत्री का बड़ा बयान- खत्म हुआ भारत-चीन सीमा विवाद तनाव, लद्दाख में पैंगोंग झील से पीछे हटेंगे चीनी सैनिक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा में भारत- चीन तनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि भारत-चीन के बीच LAC के पास पैंगोंग लेक विवाद पर समझौता हो गया है। अब यहां से चीनी सैनिक पीछे हटेंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 02:32 PM (IST)
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने आज संसद में भारत और चीन के बीच तनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने बताया कि महीनों से जारी भारत चीन सीमा तनाव अब खत्म हो गया है। राजनाथ के मुताबिक, LAC के पास लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध अब समाप्त हो गया है। राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में बताया है कि भारत-चीन के बीच LAC के पास पैंगोंग लेक विवाद पर समझौता हो गया है और अब यहां से  दोनों ही देश की सेनाएं अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगी। 

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पैंगोंग झील से पीछे हटेंगी दोनों सेनाएं

राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सितंबर 2020 से ही भारत और चीन की सेनाओं और राजनैतिक स्तर पर बातचीत हो रही है। उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील(Pengong Lake) से दक्षिण और उत्तर में समझौता हो गया है। उन्होनें बताया कि दोनों पक्ष अपनी सेनाएं हटाएंगे। राजनाथ सिंह ने बताया कि जब दोनों सेनाएं पूरी तरह से हट जाएंगी। उसके बाद भी 48 घंटे के अंदर दोनों देशों के बीच एक बैठक होगी। चीन फिंगर 8 पर रहेगा और भारत फिंगर 3 पर। ऐसी ही उत्तरी सीमा पर भी किया जाएगा।

राजनाथ सिंह ने बताया कि सीमा पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोलिंग अभी नहीं होगी। समझौता होने के बाद पेट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। कुछ मुद्दे अभी भी बाकी हैं जिन पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी।

भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले रक्षा मंत्री ?

भारत-चीन सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बयान दिया। राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा जमा रखा है लेकिन हम अपनी एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेंगे। रक्षा मंत्री ने बताया कि चीन से आग्रह किया गया है कि 'एलएसी' को माना जाए। 'एलएसी' पर मौजूदा परिस्थिति को बदलने का प्रयास ना हो। दोनों पक्ष आपसी सहमति का पालन करें। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि चीन ने पिछले साल एलएसी के आसपास प्रवेश करने का प्रयास किया था हमने कार्रवाई की। गोला बारूद भी पिछले साल इकठ्ठा किया था। चीन लद्दाख के इलाके में अनाधिकृत तरीके से 1962 से कब्जा बना रहा है, पाकिस्तान ने भी चीन को हमारी जमीन दी है। चीन का अनाधिकृत तरीके से 43 हजार वर्ग किलोमीटर कब्जा है। इससे चीन और भारत के संबंधों पर असर पड़ा है।

राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षा बलों ने साबित कर दिया है कि वे देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

भारत और चीन के बीच कब से और क्या था विवाद ?

आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख इलाके में मार्च-अप्रैल 2020 में विवाद शुरू हुआ था। तब पूर्वी लद्दाख के इलाके में चीन सैनिकों ने घुसपैठ की थी और तय एलएसी पार की थी। चीन ने उस वक्त इस इलाके से पीछे हटने से मना कर दिया था। उसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर सैन्य गतिरोध जारी है। जून 2020 में भारत चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान गलवन घाटी में शहीद हो गए। उसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी था। इस बीच, दोनों देशों के बीच नौ दौर की सैन्य वार्ता भी हुई।


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