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    COP 28 Summit: 'अधिकतम चर्चा, न्यूनतम कार्रवाई', सम्मेलन में किए PM Modi के दावे पर कांग्रेस ने कसा तंज

    By AgencyEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sat, 02 Dec 2023 05:00 AM (IST)

    कांग्रेस महासचिव जयराम ने दावा किया कि मोदी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण में ढील देने के लिए कई अवैध और प्रतिगामी बदलाव किए हैं। कहा कि दुबई सम्मेलन में प्रधानमंत्री का बयान एक और झूठ था जो कि उनका ट्रेडमार्क है। जयराम ने आरोप लगाया-यहां वास्तविकता यह है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 को 2023 में किए गए संशोधन के जरिये पूरी तरह से खोखला बना दिया गया है।

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    मोदी के दावे पर कांग्रेस का तंज- अधिकतम चर्चा, न्यूनतम कार्रवाई

    पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कॉप-28 सम्मेलन में किए गए इस दावे पर तंज कसा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक संतुलन बनाया है। विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री पर अधिकतम वैश्विक चर्चा और न्यूनतम स्थानीय कार्रवाई का आरोप लगाया।

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    कांग्रेस महासचिव और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- विश्व स्तर पर पर्यावरण को लेकर प्रधानमंत्री जो कहते हैं, भारत में उनके विनाशकारी ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए उनको कैसे कोई गंभीरता से ले सकता है? प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में कहा कि भारत ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाकर दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया है।

    जयराम का दावा...

    जयराम ने दावा किया कि मोदी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण में ढील देने के लिए कई ''अवैध और प्रतिगामी बदलाव'' किए हैं। कहा कि दुबई सम्मेलन में प्रधानमंत्री का बयान एक और झूठ था, जो कि उनका ट्रेडमार्क है। जयराम ने आरोप लगाया-यहां वास्तविकता यह है कि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 को 2023 में किए गए संशोधन के जरिये पूरी तरह से खोखला बना दिया गया है।

    यह भी पढ़ेंः जीवाश्म ईंधन पर UN प्रमुख और COP-28 अध्यक्ष में मतभेद, जलवायु कार्रवाई घोषणापत्र पर 134 देशों ने किए हस्ताक्षर

    यह वन क्षेत्र में रहने वाले समुदायों की सहमति के प्रविधानों और विशाल क्षेत्रों में वन मंजूरी की आवश्यकताओं को समाप्त कर देता है। यह 1996 के टीएन गोदावर्मन मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। यह मोदी सरकार के लिए जंगलों का दोहन करने और उन्हें कुछ चुने हुए कारपोरेट को सौंपने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

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