केरल भाजपा अध्यक्ष के बेटे की नियुक्ति पर विवाद, विपक्ष ने की जांच की मांग
केरल में प्रिया वर्गीस की नियुक्ति के मामले का समाधान हुआ नहीं कि एक और मामला सामने आया है जिसमें बताया जा रहा है राज्य भाजपा अध्यक्ष ने अपने बेटे की नियुक्ति सिफारिश के आधार राजीव गांधी बायोटेक्नोलॉजी सेंटर (आरजीसीबी) में कराई है। विपक्ष ने आरोप लगाया है।

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। केरल के कन्नूर विश्वविद्यालय में सीएम पिनराई विजयन (Pinarayi Vijyan) के निजी सचिव केके रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीस (Priya Varghese) की विवादास्पद नियुक्ति का निपटारा हुआ नहीं कि अब राज्य भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के बेटे की कथित तौर पर यहां के राजीव गांधी बायोटेक्नोलॉजी सेंटर (आरजीसीबी) में सिफारिश के आधार पर नौकरी मिलने का मामला सामने आया है।
RGCB भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का एक स्वायत्त संस्थान है। कांग्रेस और माकपा ने संस्थान में एक टेक्निकल आफिसर के रूप में के. सुरेंद्रन (K.Surendran) के बेटे के. एस. हरिकृष्णन (K.S.Harikrishnan) की नियुक्ति के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। मालूम हो कि हरिकृष्णन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई की है। दोनों पार्टियों ने इसके लिए जांच की मांग की है।
आरोप लगाए जा रहे हैं कि 48 लोगों ने परीक्षाएं दी थीं, जिनमें से किसी एक को चुनना था। इस प्रक्रिया तीन चरणों में हुए जिसे काफी तेजी से अंजाम दिया गया। इसी साल जून में हरिकृष्णन को नियुक्त किया गया। कन्नूर माकपा के जिला सचिव एम.वी.जयराजन (M.V.Jayarajan) ने कहा कि जिस तरह से विभिन्न केंद्रीय संस्थानों के कामकाज में भाजपा के कार्यकर्ता हस्तक्षेप कर रहे हैं, उसे देखते हुए इसकी जांच होने की आवश्यकता महसूस हो रही है क्योंकि मुद्दा गंभीर है।
कांग्रेस विधायक शफी परंबिल (Shafi Parambil) ने कहा है, 'केरल में कुछ ऐसा हो रहा है कि जो वामपंथियों के समर्थक हैं, उन्हें, खासककर उनकी पत्नियों और माकपा के वरिष्ठ नेताओं को राज्य सरकार के संगठनों और विश्वविद्यालयों में नौकरियां मिल रही हैं, वहीं इसी तर्ज पर भाजपा केंद्रीय संस्थानों में अपने लोगों को दाखिल कर रहे हैं।'
इधर RGCB के अधिकारियों ने कहा है कि हरिकृष्णन की नियुक्ति कुछ महीने पहले हुई थी और अभी उनकी ट्रेनिंग चल रही है। उनकी नियुक्ति में सभी प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है। इस दौरान उम्मीदवार की पारिवारिक पृष्ठभूमि का ख्याल बिल्कुल भी नहीं रखा गया है।
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