8 साल में 55 लाख करोड़ वसूलने के बाद 2.5 लाख करोड़ का बचत उत्सव गहरे घाव पर बैंड ऐड जैसा: कांग्रेस
कांग्रेस ने जीएसटी सुधारों के लागू होने से पहले पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की आलोचना की है। मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर तंज कसते हुए माफी की मांग की। जयराम रमेश ने कहा कि जीएसटी में सुधारों का कदम जीएसटी काउंसिल ने लिया है लेकिन प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय खुद लेने की कोशिश की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कांग्रेस ने जीएसटी सुधारों के लागू होने की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आठ साल में 55 लाख करोड़ रूपए वसूलने का घाव देने के बाद सुधारों का यह कदम उठाया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली के तंज के साथ सरकार से इसको लेकर माफी मांगने की मांग की। वहीं पार्टी के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जीएसटी में सुधारों का कदम जीएसटी काउंसिल ने लिया है जो एक संवैधानिक निकाय है मगर प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संशोधनों का पूरा श्रेय खुद लेने की कोशिश की।
8 साल में 55 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा वसूले- खरगे
पीएम के संबोधन के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि नरेन्द्र मोदी आपकी सरकार ने कांग्रेस के सरल और कुशल जीएसटी के बजाय, अलग-अलग नौ स्लैब से वसूली कर “गब्बर सिंह टैक्स'' लगाया और 8 साल में 55 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा वसूले। अब आप 2.5 लाख करोड़ रूपए के “बचत उत्सव'' की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंड ऐड लगाने की बात कर रहे हैं। जनता कभी नहीं भूलेगी कि आपने उनके दाल-चावल-अनाज, पेंसिल, किताबें, इलाज, किसानों के ट्रैक्टर सबसे जीएसटी वसूला था। आपकी सरकार को तो जनता से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस ने जुलाई 2017 से ही जीएसटी 2.0 की मांग की- जयराम रमेश
जयराम रमेश ने पीएम के संबोधन के बाद बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस लंबे समय से यह तर्क देती आई है कि जीएसटी वास्तव में ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स है। हाई स्तर की बड़ी संख्या में टैक्स स्लैब, आम उपभोग की वस्तुओं पर दंडात्मक कर दरें, बड़े पैमाने पर चोरी और गलत वर्गीकरण, महंगी औपचारिकताओं का बोझ और एक उल्टा शुल्क ढांचा जैसी कई समस्याएं हैं। इसलिए कांग्रेस ने जुलाई 2017 से ही जीएसटी 2.0 की मांग की और यह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हमारे न्याय पत्र में एक प्रमुख वादा भी था।
वर्तमान जीएसटी सुधार अपर्याप्त - जयराम रमेश
जयराम ने कहा कि वर्तमान जीएसटी सुधार इसलिए अपर्याप्त प्रतीत होते हैं कि अभी कुछ लंबित मुद्दों का समाधान होना है। अर्थव्यवस्था में प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता एमएसएमई की व्यापक चिंताओं का सार्थक समाधान किया जाना चाहिए। बड़े प्रक्रियात्मक परिवर्तनों के अलावा इसमें अंतरराज्यीय आपूर्ति पर लागू होने वाली सीमाओं को और बढ़ाना शामिल है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसके साथ ही विभिन्न सेक्टर से उभरे मुद्दे जैसे वस्त्र, पर्यटन, निर्यातक, हस्तशिल्प और कृषि इनपुट इनका समाधान भी किया जाना चाहिए। राज्यों को राज्य-स्तरीय जीएसटी लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ताकि बिजली, शराब, पेट्रोलियम और रियल एस्टेट को भी इसके दायरे में लाया जा सके।
जयराम ने राज्यों के आर्थिक हित सुरक्षित रखने के लिए उनके राजस्व की पूरी सुरक्षा के साथ मुआवजे को और पांच वर्षों तक बढ़ाने को दरकिनार किए जाने की बात कही। साथ ही कहा कि यह देखना अभी बाकी है कि आठ साल की देरी से आए इन जीएसटी संशोधनों से वास्तव में निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है या नहीं।
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