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    जातिगत जनगणना के कार्ड से भाजपा के ओबीसी कार्ड पर कांग्रेस का पलटवार, खरगे ने पीएम को लिखा पत्र

    By Sanjay MishraEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Mon, 17 Apr 2023 09:25 PM (IST)

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल जनगणना शुरू करने और जातिगत जनगणना को इसका अनिवार्य अंग बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को इसी से मजबूती मिलेगी।

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    खरगे ने जातिगत जनगणना की उठाई मांग, पीएम को लिखा पत्र

    नई दिल्ली, संजय मिश्र। कांग्रेस ने देशव्यापी जनगणना के क्रम में ही जातिगत जनगणना कराए जाने की जोरदार पैरोकारी के साथ आरक्षण कोटे की मौजूदा 50 फीसदी सीमा हटाने की मांग कर भाजपा के ओबीसी कार्ड के दांव की जवाबी सियासी घेरेबंदी शुरू कर दी है। इस क्रम में कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के अभियान की शुरूआत करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जहां आरक्षण की वर्तमान 50 फीसद सीमा की बंदिश हटाने की मांग बुलंद की।

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    खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल जनगणना शुरू करने और जातिगत जनगणना को इसका अनिवार्य अंग बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण को इसी से मजबूती मिलेगी।

    जातिगत जनगणना के साथ आरक्षण की अधिकतम सीमा की पाबंदी हटाने का मुद्दा सीधे तौर पर न केवल कर्नाटक के वर्तमान चुनाव बल्कि पूरे देश में ओबीसी वर्ग को साधने की कांग्रेस की सियासी रणनीति का हिस्सा है।

    भाजपा ने संसद के बजट सत्र में ओबीसी ट्रंप कार्ड चला था जब मोदी नाम को लेकर उठे विवाद में राहुल के बयान को ओबीसी का अपमान बताया गया था। कांग्रेस ने बेशक इस पर जवाबी पलटवार कर भाजपा के आरोपों को खारिज किया।

    मगर पार्टी को तभी इसका साफ आभास हो गया कि कर्नाटक में बोम्मई सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से बढ़ रही चुनावी चुनौतियों से निपटने के लिए भाजपा ओबीसी का यह दांव पार्टी के लिए खतरनाक हो सकता है।

    राजनीतिक और आर्थिक शक्ति की जरूरत

    कर्नाटक के ओबीसी और दलित वर्ग में कांग्रेस का सामाजिक आधार मजबूत रहा है और पार्टी जाहिर तौर पर इसमें भाजपा को अपनी तरफ से कोई सियासी गुंजाइश नहीं देना चाहती। इसीलिए राहुल गांधी ने रविवार को उसी कोलार में कर्नाटक की अपनी पहली चुनावी रैली में जातिगत जनगणना की मांग करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति को आबादी के हिसाब से आरक्षण दिए जाने की वकालत की। राहुल ने सोमवार को भी कर्नाटक की अपनी सभाओं में इसे दोहराया और फिर एक टवीट के जरिए प्रधानमंत्री को भी इस मुद्दे पर घेरा।

    राहुल ने कहा 'प्रधानमंत्री जी वंचितों को खोखले शब्द नहीं, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति की जरूरत है। ये तीन कदम उठाए। 2011 की जनगणना के आंकडे़ सार्वजनिक कर देश में ओबीसी कितने हैं बताइए। आरक्षण से 50 प्रतिशत कैप हटाइए। दलितों-आदिवासियों को आबादी के अनुसार आरक्षण दीजिए। जितनी आबादी उतना हक।

    'मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर 2021 में होने वाली जनगणना अब तक शुरू नहीं होने पर सवाल उठाते हुए इसे शुरू करने और इसी में जातिगत गणना कराए जाने की कांग्रेस की ओर से आधिकारिक मांग की।

    देशव्यापी जनगणना की मांग

    यूपीए सरकार में 2011-12 में हुए आर्थिक और जाति गणना के आंकड़े अब तक प्रकाशित नहीं करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के कार्यक्रमों के लिहाज से ओबीसी के उत्थान के लिए बेहद आवश्यक डाटा बेस अधूरा है।

    इसीलिए तुरंत देशव्यापी जनगणना शुरू कर जाति जनगणना को इसका अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। कांग्रेस के इस जवाबी दांव से साफ है कि भाजपा के लिए कर्नाटक चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ संसद में चले गए ओबीसी अपमान का चुनावी ट्रंप कार्ड चलना आसान नहीं रहेगा। बिहार में कांग्रेस महागठबंधन सरकार की साझेदार है जहां नीतीश सरकार जाति जनगणना करा रहे हैं और पार्टी इसका उदाहरण देकर इस मुद्दे पर अपनी गंभीरता का संदेश देने से गुरेज भी नहीं करेगी।