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    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की राष्ट्रपति मुर्मु को चिट्ठी, सैनिक स्कूलों को लेकर की ये मांग

    Mallikarjun Kharge letter to President murmu कांग्रेस अध्यक्ष ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सैनिक स्कूलों को लेकर एक पत्र लिखा है। खरगे ने सैनिक स्कूलों के निजीकरण को लेकर केंद्र की नीति को पूरी तरह से वापस लेने और रद्द करने की मांग की है। खरगे ने दावा किया कि इन स्कूलों का निजीकरण कर भाजपा और आसएसएस नेताओं को सौंपा जा रहा है।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 11 Apr 2024 11:06 AM (IST)
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    Mallikarjun Kharge letter to President murmu खरगे का राष्ट्रपति को पत्र।

    एएनआई, नई दिल्ली। Mallikarjun Kharge letter to President murmu कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सैनिक स्कूलों को लेकर एक पत्र लिखा है। खरगे ने सैनिक स्कूलों के "निजीकरण" को लेकर केंद्र की नीति को पूरी तरह से वापस लेने और रद्द करने की मांग की है।

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    खरगे ने सैनिक स्कूलों के निजीकरण का किया विरोध

    खरगे ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में एक आरटीआई जवाब पर आधारित एक जांच रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि सरकार द्वारा पेश किए गए नए पीपीपी मॉडल का उपयोग करके सैनिक स्कूलों का निजीकरण किया जा रहा है और अब इनमें से 62 प्रतिशत स्कूल भाजपा-आरएसएस नेताओं के स्वामित्व में हैं।  

    केंद्र ने परंपरा को तोड़ा

    कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में 33 सैनिक स्कूल हैं और वे पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थान हैं, जो रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के तहत एक स्वायत्त निकाय, सैनिक स्कूल सोसाइटी (एसएसएस) के तत्वावधान में संचालित होते हैं।

    खरगे ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र ने पारंपरिक रूप से सशस्त्र बलों को किसी भी पक्षपातपूर्ण राजनीति से दूर रखा है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस अच्छी तरह से स्थापित परंपरा को "तोड़" दिया है।

    100 नए स्कूलों में से 40 के लिए एमओयू का दावा

    खरने ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2021 में सैनिक स्कूलों के निजीकरण की शुरुआत की। इसके परिणामस्वरूप, इस मॉडल के आधार पर 100 नए स्कूलों में से 40 के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं। खरगे ने बताया कि कक्षा 6 से कक्षा 12 तक प्रति वर्ष शुल्क का 50 प्रतिशत (कक्षा की 50 प्रतिशत संख्या, 50 छात्रों की ऊपरी सीमा के अधीन) का मेरिट के आधार पर वार्षिक शुल्क समर्थन देती है।

    आरएसएस और भाजपा नेताओं से जोड़े तार

    खड़गे ने दावा किया कि रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि जिन 40 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उनमें से 62 प्रतिशत पर हस्ताक्षर आरएसएस और भाजपा नेताओं से संबंधित व्यक्तियों और संगठनों के साथ किए गए हैं।