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    'अल्पसंख्यक विरोधी है केंद्र सरकार', चिदंबरम ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को लेकर उठाए सवाल

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sat, 04 Feb 2023 01:34 PM (IST)

    मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को बंद किए जाने के फैसले को लेकर कांग्रेस अब सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए है। कांग्रेस नेता चिदंबरम ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक विरोधी है।

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    चिदंबरम ने मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को लेकर सरकार पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय फैलोशिप को बंद करने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के जीवन को और कठिन बनाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है।

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    मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप योजना को किया बंद

    दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप (MANF) योजना उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न फैलोशिप योजनाओं के साथ तालमेल नहीं बना पा रही है, इसलिए सरकार ने 2022-23 से इस योजना को बंद करने का फैसला किया है।

    सरकार के फैसले चिदंबरम ने उठाए सवाल

    वहीं, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मौलाना आजाद नेशनल फैलोशिप को खत्म करना और अल्पसंख्यक छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए शिक्षा ऋण के लिए सब्सिडी पूरी तरह से खत्म करना सरकार का तर्कहीन और मनमाना बहाना है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार अल्‍पसंख्‍यक छात्रों के लिए जीवन को और कठिन बनाने के लिए बहुत आगे बढ़ रही है। सरकार खुले तौर पर अपनी अल्पसंख्यक विरोधी नीति को प्रदर्शित कर रही है, मानो यह सम्मान की बात हो।

    चिदंबरम ने सरकार से पूछा सवाल

    चिदंबरम ने सरकार से पूछा है कि क्या मनरेगा, पीएम किसान योजना के साथ तालमेल नहीं बना पा रही है। क्या वृद्ध श्रमिकों के मामले में वृद्धावस्था पेंशन, मनरेगा को ओवरलैप करती है। ऐसी दर्जनों योजनाएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अल्पसंख्यक छात्रों के लिए जीवन को और कठिन बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है।

    लोकसभा में क्या दिया था स्मृति ईरानी ने जवाब

    लोकसभा में अपने प्रश्न के उत्तर में ईरानी ने यह भी कहा था कि प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कवरेज को 2022-23 से संशोधित किया गया है और कक्षा 9 और 10 के लिए केवल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के रूप में लागू किया गया है। प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 8 तक) प्रदान करता है। उन्होंने कहा था कि यह संशोधन अन्य केंद्र सरकार के मंत्रालयों द्वारा लागू समान छात्रवृत्ति योजनाओं के साथ योजना के सामंजस्य के लिए भी किया गया है।

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