कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था की हालत डांवाडोल बताकर मोदी सरकार को घेरा
पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत पर देश को जवाब देना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल करार देते हुए एनडीए सरकार की आर्थिक नीतियों पर तीखा हमला किया है। पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों, निरंतर कमजोर होते रुपये के बीच विदेशी निवेशकों के पैसा वापस ले जाने में आई तेजी का हवाला देते हुए पार्टी ने एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन पर भी गंभीर सवाल उठाया है।
कांग्रेस के मुताबिक आर्थिक विकास के करीब सभी मानक पिछले साढे चार साल की तुलना में कमजोर हैं और अर्थव्यवस्था के सबसे तेज गति से बढ़ने के सरकार के दावे खोखले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अर्थव्यवस्था की इस स्थिति पर स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कांग्रेस ने यह दावा भी किया है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने देश को जिस संतुलित आर्थिक स्थिति में पहुंचाया था, मौजूदा सरकार उसे भी संभाल कर नहीं रख पायी है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह चिंताजनक है कि मोदी सरकार के साढे चार साल में अर्थव्यवस्था चरमराती हुई दिख रही है।
सारे आर्थिक मानकों के कमजोर प्रदर्शन और आंकड़े अर्थव्यवस्था में गिरावट के प्रमाण हैं। शर्मा ने कहा कि विदेशी निवेश के मामले में यूपीए की तुलना में निवेश छह फीसद घटा है तो देश की बचत दर में पांच फीसद की गिरावट आयी है। नये उद्योग धंधे नहीं लग रहे इसका प्रमाण बैंकों के औद्योगिक कर्ज में आयी भारी गिरावट है जो पिछले 40 साल में सबसे न्यूनतम स्तर पर है।
शर्मा ने कहा कि मनमोहन सरकार ने दो बड़े वैश्विक आर्थिक संकटों के बाद भी अर्थव्यवस्था को संतुलित रखते हुए दस साल में 7.8 फीसद की विकास दर हासिल की वहीं मोदी सरकार पांच साल में 7.1 के औसत जीडीपी से आगे नहीं जाती दिख रही। बैंकों का डूबा कर्ज यानि एनपीए 11 लाख करोड रुपये को पार कर गया है और पूरी बैंकिंग व्यवस्था चरमरा गई है।
सरकार का वित्तीय घाटा भी निरंतर बढ रहा है। इसका आर्थिक विकास पर प्रतिकूल असर ऐसा हो रहा कि नये रोजगार का सृजन तो दूर मौजूदा रोजगार कम हो रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए ने जब सत्ता छोड़ी तो देश का सालाना निर्यात 320 अरब डालर पहुंच गया था मगर मोदी सरकार पूरे पांच साल में कभी भी इस आंकड़े को पार नहीं कर पायेगी।
विदेशी निवेशकों के निवेश निकाल कर ले जाने को अर्थव्यवस्था में उनके कमजोर होते भरोसे का संकेत बताते हुए शर्मा ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में सवा दो लाख करोड रुपये देश से बाहर चला गया। वहीं इस साल अप्रैल से सितंबर तक 84000 करोड रुपये विदेशी निवेशक यहां से निकाल कर ले जा चुके हैं।
रुपये की डालर के मुकाबले पिटाई पर सवाल उठाते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने सत्ता में आने से पहले दावा किया था कि वे रुपये को मजबूत बना इसे प्रति डालर 40 रूपये तक ले आएंगे। हकीकत यह है कि बीते साढे चार साल में रुपये 59 से पहुंच कर 74 रुपये प्रति डालर को पार कर गया है। उनका तर्क था कि जब रुपया एशिया में सबसे तेज गति से गिरने वाली मुद्रा है तो फिर सरकार का यह दावा हास्यास्पद है कि हम दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं।
पेट्रोल-डीजल की महंगाई को लेकर पूरी तरह सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए शर्मा ने कहा कि सस्ते कच्चे तेल के दौर में भी जनता को महंगा तेल बेचकर सरकार ने बीते चार साल में 13 लाख करोड़ जुटाए हैं। पेट्रोल करीब 90 रुपये और डीजल के 80 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा छूने के करीब होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपनी आर्थिक अक्षमता की भरपाई जनता की जेब से पैसे निकालकर कर रही है। इसीलिए पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था की चिंताजनक हालत पर देश को जवाब देना चाहिए।