'जनगणना में ही कराई जाए जाति गणना', ओबीसी को साधने के लिए कांग्रेस ने चला नया दांव
Caste Census जातिगत जनगणना की मांग को लेकर मुखर रही कांग्रेस ने अब एक नया दांव चला है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से जनगणना के साथ ही जाति गणना कराने की मांग करते हुए कहा है कि प्रश्नावली में ओबीसी वर्ग की पहचान का एक कॉलम जोड़ा जाए। कांग्रेस का दावा है कि इस मांग पर विपक्षी गठबंधन के अन्य दल भी उसके साथ हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जनगणना कराने की तैयारियों की आहट के बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने जाति गणना के अपने एजेंडे की पेशबंदी शुरू कर दी है। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए के दलों के पूरे समर्थन का दावा करते हुए जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए कांग्रेस ने जनगणना की प्रश्नावली में ही ओबीसी वर्ग की पहचान का एक कॉलम जोड़ने की वकालत की है।
पार्टी का तर्क है कि जनगणना में पहले ही साढ़े तीन वर्ष से अधिक की देरी हो चुकी है और इस कॉलम को शामिल कर जातिगत गणना में विलंब को रोका जा सकता है। आरक्षण के मुद्दे पर गरमाए राजनीतिक विमर्श के बीच जातिगत गणना की कांग्रेस की पैरोकारी साफ तौर पर ओबीसी वर्ग को साधने की रणनीति पर केंद्रित है। 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान में आरक्षण की सीमा बढ़ाने की बहस को पार्टी ने रफ्तार ही नहीं दी, बल्कि आरक्षण की वर्तमान 50 प्रतिशत सीमा खत्म कर आबादी के हिसाब से भागीदारी का चुनावी वादा भी किया।
मोदी सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने का दांव
आईएनडीआईए के चुनाव में मजबूत विपक्ष के तौर पर उभरने में संविधान और आरक्षण के इस मुद्दे की प्रमुख भूमिका की बात कांग्रेस भी स्वीकार कर रही है। इसीलिए अब मुखर होकर जाति गणना के मुद्दे पर मोदी सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाने का दांव चल रही है। तभी जनगणना कराने की केंद्र सरकार की तैयारियों की आहट मिलते ही कांग्रेस ने जाति गणना का कॉलम जोड़ने की आवाज उठा दी है।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, 'हमारी मांग है कि जब जातिगत गणना हो तो उसमें एक और सवाल जोड़ा जाए कि क्या आप ओबीसी वर्ग से हैं? अगर ओबीसी हैं तो कौन सी जाति के हैं? केवल यह कॉलम जोड़ देने से ही ओबीसी की गणना हो जाएगी।' जयराम ने कहा कि जनगणना के जरिये एससी-एसटी की जातिवार गणना की जाती है तो फिर ओबीसी की जनगणना करने में क्या एतराज हो सकता है। जनगणना कराना केंद्र की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
आरक्षण की सीमा को हटाने की मांग
कांग्रेस महासचिव ने कहा ओबीसी, 'एससी-एसटी के लिए 50 प्रतिशत की आरक्षण की जो सीमा लगाई गई है, उसे हटाने के लिए संविधान में संशोधन करना जरूरी है।' उन्होंने दावा किया कि विपक्षी खेमे की तमाम अन्य पार्टियां भी जातीय गणना का समर्थन कर रही हैं और 2021 की जनगणना में साढ़े तीन वर्ष की देरी हो जाने का मतलब है कि आर्थिक योजना और सामाजिक न्याय के कार्यक्रमों के लिए जरूरी महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र नहीं की जा सकी है। इसकी वजह से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 या पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 12 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को उनका कानूनी हक नहीं मिल पा रहा है।
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