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    राफेल की रार पर कांग्रेस का दावा, मैक्रां ने नहीं किया ओलांद का खंडन

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Thu, 27 Sep 2018 11:11 PM (IST)

    फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति की ओर से ओलांद के बयान का खंडन नहीं किया जाना राफेल सौदे पर अंतर्राष्ट्रीय खुलासा माना जाना चाहिए। ...और पढ़ें

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    राफेल की रार पर कांग्रेस का दावा, मैक्रां ने नहीं किया ओलांद का खंडन

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल जेट सौदे में सरकार पर हमले के लिए कांग्रेस कोई मौका हाथ से नहीं छोड़ रही। पार्टी ने कहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान का खंडन नहीं किया है और इससे साफ है कि राफेल सौदे में घालमेल हुआ है। राहुल गांधी ने भी राफेल की महंगी कीमत को लेकर कथित तौर पर सवाल उठाने वाले अधिकारी को दंडित करने की खबरों का हवाला देते हुए सरकार पर निशाना साधा।

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    कांग्रेस प्रवक्ता जयपाल रेड्डी ने राफेल का आफसेट कांट्रेक्ट अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को देने संबंधी ओलांद के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं। ऐसे में जब पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कोई बात कही है तो हमें इसका संज्ञान लेना चाहिए।

    जयपाल ने कहा कि मैक्रां ने राफेल को लेकर एक सवाल का जवाब देने के क्रम में सीधे तौर पर ओलांद के बयान से जुड़े सवाल का जवाब नहीं दिया। मैक्रां ने केवल इतना कहा कि वे तब पद पर नहीं थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मैक्रां का बयान स्पष्ट करता है कि उन्होंने ओलांद की राफेल सौदे को लेकर की गई टिप्पणी का खंडन नहीं किया है।

    मैक्रां का बयान राफेल पर अंतर्राष्ट्रीय खुलासा माना जाना चाहिए: जयपाल

    जयपाल ने कहा कि फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति की ओर से ओलांद के बयान का खंडन नहीं किया जाना राफेल सौदे पर अंतर्राष्ट्रीय खुलासा माना जाना चाहिए और देश को इस पर पीएम के स्पष्टीकरण का इंतजार है।

    राहुल गांधी ने व्यंगात्मक ट्वीट में राफेल की बढ़ी कीमत पर कथित रुप से आपत्ति उठाने वाले रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव को दंडि़त करने की खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राफेल सौदे के खेल में एचएएल से अनुबंध छीन लिया गया।

    पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने सरकारी खजाने को 300 फीसद अतिरिक्त घाटे पर सवाल उठाने वाले व्हिसलब्लोअर को हटा दिया। जबकि संयुक्त सचिव की आपत्ति को खारिज कर देने वाली डीजी स्मिता प्रकाश को इनाम देते हुए संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य बना दिया गया।