Congress Chintan Shivir : कांग्रेस में बड़े बदलावों के लिए बढ़े कदम, कार्यसमिति से लेकर बूथ स्तर तक युवाओं को 50 फीसद आरक्षण
कांग्रेस को गहरे राजनीतिक संकट के दौर से उबारने के लिए शुक्रवार से उदयपुर में चिंतन शिविर शुरू हुआ। कांग्रेस ने पहले ही दिन अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलावों को लागू करने के प्रस्तावों से पर्दा उठा दिया। पढ़ें यह रिपोर्ट...
संजय मिश्र, उदयपुर। कांग्रेस को गहरे राजनीतिक संकट से उबारने के लिए शुक्रवार से यहां शुरू हुए तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर के पहले दिन पार्टी ने अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलावों को लागू करने के प्रस्तावों से पर्दा उठा दिया। इसमें कायाकल्प के लिए युवाओं को रिझाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए कांग्रेस कार्यसमिति से लेकर बूथ स्तर तक संगठन के हर स्तर पर 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात है। अपवादों को छोड़कर एक परिवार को एक ही टिकट देने का निर्णय लेने का इरादा साफ किया है।
पदाधिकारियों के कामकाज की होगी समीक्षा
कांग्रेस ढांचे में आमूल-चूल बदलाव के लिए बूथ स्तरीय ढांचा विकसित करने, जनता का मिजाज भांपने के लिए पूरे साल सर्वे के लिए पार्टी का एक इनसाइट विभाग बनाने से लेकर पार्टी पदाधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के लिए एक आकलन विभाग बनाने का रोडमैप भी दिया है। कांग्रेस में मठाधीश संस्कृति खत्म करने के लिए पांच साल तक संगठन में रहे नेताओं के लिए पद छोड़ने को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है।
सोनिया ने एकजुटता पर दिया जोर
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिविर की शुरुआत करते हुए पार्टी में एकजुटता को अपरिहार्य बताते हुए कहा कि हर संगठन को जीवित रहने के लिए परिवर्तन की जरूरत होती है और हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। चिंतन शिविर के जरिये क्रांति की धरती राजस्थान से कांग्रेस संगठन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सोनिया के आह्वान से पहले पार्टी ने संगठनात्मक ढांचे में आमूल-चूल बदलावों के प्रस्तावों को उजागर कर दिया।
प्रस्तावों पर तीन दिनों तक मंथन
शायद इसीलिए कांग्रेस ने चिंतन शिविर को नव संकल्प शिविर का नाम दिया है। इसमें इन प्रस्तावों पर तीन दिनों तक मंथन होगा। आखिरी दिन इन्हें मंजूरी देकर कांग्रेस में बदलावों को लागू करने का रास्ता साफ कर दिया जाएगा। 50 साल की उम्र तक के युवाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव देश की बड़ी युवा आबादी को साधने के साथ ही संगठन का स्वरूप बदलने की लंबी कार्ययोजना को दर्शाता है।
15-20 बूथों का एक मंडल बनेगा
शिविर में संगठनात्मक बदलाव का मसौदा तैयार करने वाले समूह के सदस्य अजय माकन ने कहा कि बीते 50-60 साल में कांग्रेस के ढांचे में अमूल-चूल बदलाव नहीं हुआ है। इसलिए पार्टी अब हर वह बदलाव करेगी जो मौजूदा समय की मांग है और इसमें बूथ मंडल बनाना अहम है। 15-20 बूथों का एक मंडल बनेगा और हर ब्लाक में तीन से पांच मंडल समितियां बनेंगी ताकि संगठन का ढांचा नीचे तक मजबूत हो।
कांग्रेस अपना एक इनसाइट विभाग बनाएगी
इसी तरह अब केवल निजी एजेंसियों के जरिये चुनाव के समय ही जनता के मूड को भांपने की कसरत नहीं होगी, बल्कि कांग्रेस अपना एक इनसाइट विभाग बनाएगी। जो सालभर लगातार सर्वे करे, जनता के मुद्दों को समझे और इसी आधार पर पार्टी अपने राजनीतिक कार्यक्रमों की दशा-दिशा निर्धारित करती रहे।
एक परिवार को एक ही टिकट
कांग्रेस पर परिवारवाद के आरोपों के मद्देनजर पार्टी ने एक परिवार को एक ही टिकट का फार्मूला लागू करने का इरादा कर लिया है। इसमें अपवाद की गुंजाइश इस शर्त के साथ रखी गई है कि कोई नेता संतान पार्टी संगठन में पांच साल तक काम कर लेती है तो उसे टिकट दिया जा सकता है।
अनुशासन को भी सख्ती से लागू किया जाएगा
इस अपवाद का फायदा गांधी परिवार को ही नहीं बल्कि कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे सरीखे बड़े नेताओं की संतानों को भी होगा क्योंकि वे पांच साल या उससे अधिक समय से पार्टी में न केवल सक्रिय हैं बल्कि सांसद-विधायक भी हैं। संगठन को नकारा नेताओं से छुटकारा दिलाने और अच्छा काम करने वालों को प्रोत्साहन देने का भी कांग्रेस तंत्र बनाने जा रही है। इसके लिए पार्टी की एक आकलन विंग बनेगी और पार्टी में अनुशासन को भी सख्ती से लागू किया जाएगा।
असाधारण स्थिति में असाधारण कदम की जरूरत : सोनिया
सोनिया ने बदलाव के प्रस्तावों पर खुली और बेबाक चर्चा का आह्वान करते हुए स्वीकार किया कि पार्टी आज असाधारण परिस्थिति से गुजर रही है और इसका मुकाबला करने के लिए असाधारण कदम भी उठाने पड़ेंगे। हर संगठन को न केवल जीवित रहने बल्कि बढ़ने के लिए समय-समय पर परिवर्तन लाने होते हैं और कांग्रेस को सुधारों की सख्त जरूरत है।
निजी आकांक्षाओं को पार्टी हित से ऊपर न रखें
रणनीति में बदलाव, ढांचागत सुधार व रोजाना काम करने के तरीके में बदलाव करना होगा और नव संकल्प शिविर का सबसे बुनियादी मुद्दा यही है। कांग्रेस का पुनरुत्थान सिर्फ विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा, इन प्रयासों का अब न टाला जा सकता है और न ही टाले जाएंगे। सोनिया ने कहा कि आज एक ऐसा समय आया है, जब हम अपनी निजी आकांक्षाओं को पार्टी हित से ऊपर न रखें।
अब कर्ज उतारने का समय
उन्होंने दोहराया कि पार्टी ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है, अब समय कर्ज उतारने का है। इसलिए चिंतन शिविर में खुलकर चर्चा करें, मगर बाहर सिर्फ कांग्रेस की मजबूती और एकता का संदेश जाना चाहिए। लगातार चुनावी हार की नाकामियों की ओर इशारा करते हुए सोनिया ने कहा कि हम इसे बेखबर नहीं हैं और न ही हालात बदलने के संघर्ष को लेकर अंजान है।