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    गांधीजी की हत्या को आत्महत्या बताने के सवाल पर बिफरी कांग्रेस, सख्त कार्रवाई की मांग

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:54 PM (IST)

    कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी ने कहा कि ऐसा लगता है कि संघ से जुड़े संगठन अब यह धारणा बनाने में जुट गए हैं कि गांधी को किसी ने नहीं मारा।

    गांधीजी की हत्या को आत्महत्या बताने के सवाल पर बिफरी कांग्रेस, सख्त कार्रवाई की मांग

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने सरकारी सहायता प्राप्त गुजरात के कुछ स्कूलों में गांधी जी के आत्महत्या करने के बारे में पूछे गए सवाल को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि हिन्दू महासभा और संघ परिवार पर गांधीजी की हत्या के लगे धब्बे को साफ करने की सुनियोजित रणनीति के तहत नई पीढ़ी को झूठ और भ्रम परोसा जा रहा है।

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    'गांधी को किसी ने नहीं मारा'

    कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने पार्टी की ब्रीफिंग में गुजरात के 'सुफलाम शाला विकास संकुल' के बैनर तले चल रहे स्कूलों में नौंवी कक्षा की परीक्षा में गांधी जी के आत्महत्या का कारण पूछने के प्रश्न को हैरतअंगेज करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर है क्योंकि ये स्कूल गुजरात सरकार की आर्थिक सहायता से चलाए जाते हैं। इसीलिए कांग्रेस का साफ मानना है कि सूबे की भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती और जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। रागिनी ने कहा कि ऐसा लगता है कि संघ से जुड़े संगठन अब यह धारणा बनाने में जुट गए हैं कि 'गांधी को किसी ने नहीं मारा।'

    गांधी की हत्या के धब्बे को मिटाने का प्रयास

    भाजपा और संघ पर निशाना साधते हुए रागिनी नायक ने कहा कि गांधी की हत्या के धब्बे को मिटाने के लिए संघ से जुड़े संगठन लंबे समय से प्रयास करते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान गांधीजी पर हमला करने वाली साध्वी प्रज्ञा का अपमान जनक कथन हो या बापू के 150वीं जयंती के दिन सोशल मीडिया पर उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे अमर रहे को ट्रेंड कराने की घटना, इससे जाहिर होता है कि ऐसे संगठनों की सोच कैसी है।

    ऐसी ताकतों के खिलाफ मुखर आवाज उठाएं

    कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दुर्भाग्य कि बात है कि गोडसे का महिमामंडन करने वाले ऐसे कुछ लोगों को सत्ता के शिखर पर बैठे लोग सोशल मीडिया पर फॉलो भी करते हैं। उन्होंने पार्टी की ओर से जनता से अपील कि गांधी के विचारों को संर्कीणता के दायरे में बांधने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ मुखर आवाज उठाएं।

    भाजपा की नीतियों को बताया किसान विरोधी 

    रागिनी ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री फडनवीस के इलाके में किसान के आत्महत्या की घटना को भी बेहद गंभीर बताते हुए भाजपा की नीतियों को किसान विरोधी करार दिया। महाराष्ट्र के साथ केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की बात खूब की गई मगर इस सरकार ने कोई चीज दोगुनी की है तो वह किसानों की आत्महत्या है।