'हम तो 40वें नंबर पर हैं, सरकार ने चौथा देश कैसे बताया', आखिर किस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना?
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर विश्व बैंक के आंकड़ों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके आर्थिक असमानता छिपाने का आरोप लगाया है। जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने भारत को चौथा सबसे समान देश बताकर भ्रम फैलाया जबकि हकीकत में भारत दुनिया के 40वें सबसे असमान देश है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उपभोग असमानता को आय असमानता से कम दिखाने के लिए जानबूझकर ऐसा किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर विश्व बैंक के आंकड़ों का गलत विश्लेषण और प्रचार कर अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी दावों के विपरीत भारत में संपति आधारित असमानता आय आधारित असमानता से कहीं ज्यादा है।
पार्टी ने दावा किया कि सरकार ने विश्व बैंक के आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर देश की आर्थिक असमानता की तस्वीर को छिपाने की कोशिश की जो बौद्धिक बेईमानी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भारत को चौथे सबसे समानता वाला देश के रूप में पेश करने का सरकार का दावा गलत है और हकीकत में दुनिया में सबसे अधिक असमानता वाले देशों की सूची में भारत 40वें स्थान पर है।
भारत दुनिया के सबसे समान समाजों में से एक: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में भारत में गरीबी और असमानता के कई चेतावनी संकेतों की पहचान कर चेतावनी भी दी गई थी। लेकिन तीन महीने के बाद मोदी सरकार की ओर से दावा किया कि भारत दुनिया के सबसे समान समाजों में से एक है।
जयराम ने कहा कि अब यह सामने आया है कि मोदी सरकार न केवल विश्व बैंक की रिपोर्ट के अपने विश्लेषण में लापरवाह थी, बल्कि इसके निष्कर्षों के आकलन में बौद्धिक रूप से भी पूरी तरह से बेईमानी भी बरती गई। भारत में ''उपभोग असमानता'' और अन्य देशों में ''आय असमानता'' के दो अलग-अलग मानदंडों का जान-बूझकर उपयोग किया।
असमानता हमेशा 'आय असमानता' से कम होती है: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता ने कहा कि दो संस्थाओं के बीच तुलना करने के लिए हमें उनका मूल्यांकन एक ही कसौटी पर होना चाहिए मगर सरकार ने भारत में ''उपभोग असमानता'' को मापने का विकल्प भी जानबूझकर चुना इसलिए कि उपभोग असमानता हमेशा 'आय असमानता' से कम होती है क्योंकि अमीर लोग अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा बचत करते हैं।
भारत की आय समानता का प्रदर्शन 2019 के आंकड़ों के अनुसार बेहद खराब है और 216 देशों में से हम 176वें स्थान पर हैं यानि भारत चौथा सबसे समान समाज नहीं बल्कि दुनिया का 40वां सबसे असमान समाज है।
जयराम ने दावा किया कि मोदी सरकार के दौरान पिछले कुछ सालों में भारत में आय असमानता ज्यादा बिगड़ी है और संपत्ति असमानता आय असमानता से भी ज्यादा है जो पिछले 11 सालों में अमीर तबके को हुए असमान लाभ को दर्शाती है।
उन्होंने पीआईबी की ओर से जारी बयान को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि मोदी सरकार में अधिकारियों की ओर से इस तरह के बेतरतीब और बेतुके बयानों-घोषणाओं का एक खतरनाक चलन रहा है जो नीति आयोग के इसी तरह के असंगत बयानों की झड़ी के रूप में दिखा है।
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