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    छत्‍तीसगढ़ सरकार का SC-ST और OBC पर बड़ा दांव: आरक्षण को बढ़ाकर किया 72 फीसद

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Thu, 15 Aug 2019 09:46 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति (एससी)-अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 72 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की घोषणा की।

    छत्‍तीसगढ़ सरकार का SC-ST और OBC पर बड़ा दांव: आरक्षण को बढ़ाकर किया 72 फीसद

     संजीत कुमार, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति (एससी)-अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 72 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की घोषणा की। अभी तक तीनों वर्गों  को मिलाकर 58 फीसद आरक्षण दिया जा रहा था। सरकार ने आरक्षण की सीमा बढ़ा कर बढ़ा सियासी दांव खेला है।

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    गौरतलब है कि राज्य में चार महीने बाद निकाय चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में लगे झटके को देखते हुए कांग्रेस और पार्टी की सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। आरक्षण बढ़ाने की घोषणा का एक तरफ स्वागत हो रहा है तो दूसरी तरफ इसके 50 फीसद की निर्धारित सीमा लांघने की चिंता भी बढ़ गई है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की गई घोषणा से राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 72 पहुंच गया है।

    राज्य में अभी तक एसटी को 32 फीसदी, एससी को 12 और ओबीसी वर्ग को 14 फीसद आरक्षण मिल रहा था। सरकार ने इसे बढ़ाकर क्रमश: 32, 13 और 27 करने का फैसला किया है। पिछली बार आरक्षण में किए गए बदलाव को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

    सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
    तत्कालीन भाजपा सरकार ने करीब सात वर्ष पहले आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत लोक सेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा चार में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32, अनुसूचित जाति को 12 और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 फीसद आरक्षण देना तय किया गया था। कुल आरक्षण 58 फीसद होता है।

    यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 फीसद की सीमा से अधिक है। इसके खिलाफ 2012 में ही गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रायपुर, सतनाम सेवा संघ रायपुर, पीआर खुंटे समेत अन्य ने याचिकाएं लगाई थीं। याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को सुनवाई के लिए हस्तांतरित कर दिया था। हाई कोर्ट में सुनवाई लंबित है।

    पिता और ओबीसी समाज ने किया स्वागत
    मुख्यमंत्री भूपेश की इस घोषणा का उनके पिता नंद कुमार बघेल ने स्वागत किया है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट कर इस घोषणा की जानकारी साझा की है। वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। समाज के सदस्य सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश के प्रति आभार जता रहे हैं।

    साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन लाल हिरवानी ने कहा कि प्रदेश में लगातार पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाये जाने की मांग हो रही थी। लंबे समय तक हमने इस मुद्दे पर आंदोलन भी किया है। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत करने की घोषणा की है। इस फैसले का हम सम्मान करते हैं, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धन्यवाद देते हैं।