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Exclusive Interview : चिराग बोले- जिस दिन कोर्ट गया, उसी दिन हमारे हक में आएगा फैसला

आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की तर्ज पर चिराग पासवान अब बिहार में सद्भावना बटोरने यात्रा पर निकलने वाले हैं। सांसद तो चले गए लेकिन वह आश्वस्त हैं कि पार्टी उनकी ही रहेगी। दैनिक जागरण के आशुतोष झा से बातचीत के अंश...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 07:55 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 12:27 AM (IST)
Exclusive Interview : चिराग बोले- जिस दिन कोर्ट गया, उसी दिन हमारे हक में आएगा फैसला
आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की तर्ज पर चिराग पासवान अब बिहार में सद्भावना यात्रा पर निकलने वाले हैं।

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। रामविलास की लोजपा अब किसकी, इसे लेकर लड़ाई सड़क पर आ चुकी है। चाचा पारस और भतीजा चिराग के खेमों में शक्ति प्रदर्शन चल रहा है। चुनाव आयोग के दरवाजे खटखटाए जा रहे हैं। आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी की तर्ज पर चिराग पासवान अब बिहार में सद्भावना बटोरने यात्रा पर निकलने वाले हैं। सांसद तो चले गए, लेकिन वह आश्वस्त हैं कि पार्टी उनकी ही रहेगी। दैनिक जागरण के आशुतोष झा से बातचीत के अंश... 

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सवाल - क्या रामविलासजी ने कभी आपको पारसजी की महत्वाकांक्षा और व्यवहार को लेकर आगाह किया था?

जवाब - उन्होंने अकेले में कभी मम्मी से कुछ साझा किया हो तो मुझे पता नहीं। वह तो हमेशा मुझे ही समझाते थे कि सभी को साथ लेकर चलना है। लेकिन उनमें कहीं-न-कहीं दूरदृष्टि थी, क्योंकि जब उन्होंने मुझे अध्यक्ष बनाने की बात कही थी तो मैं अड़ गया था कि अभी क्यों? इतनी जल्दबाजी क्यों? लेकिन वह भी अड़ गए। उन्होंने कहा था-मैं अपने रहते तुम्हें जिम्मेदारी देना चाहता हूं और एक साल के अंदर वह चल बसे। उनको गए अभी एक साल भी नहीं हुआ कि चाचा भी मुझे छोड़कर अलग हो गए।

सवाल - लेकिन उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से तो आपने ही हटाया था?

जवाब - हां यह सच है। लेकिन यह इसलिए क्योंकि वह कुछ कारणों से राज्य का दौरा भी नहीं कर रहे थे। 2005 से वह प्रदेश अध्यक्ष थे। लोकसभा चुनाव के वक्त उन्होंने लोजपा के राजग में जाने का विरोध किया था। उनका कहना था कि संप्रग जितनी भी दे उतनी लेकर संतुष्ट हो जाना चाहिए। 2015 में भी उनके नेतृत्व में चुनाव हुआ और नतीजा क्या था आप जानते हैं। यह पार्टी हित में लिया गया फैसला था।

सवाल - आपकी पार्टी के कई मजबूत चेहरे तो छोड़कर जा चुके हैं।

जवाब - पार्टी सांसदों, विधायकों से नहीं बनती है। विधायक आते हैं और जाते हैं। पार्टी की आत्मा तो संविधान होती है। संविधान के तहत गठित कार्यकारिणी अब भी हमारे साथ है। पार्टी हमारे साथ है।

सवाल - चुनाव आयोग आपके दावे से संतुष्ट है?

जवाब - जी, संवैधानिक दायरे में, कानूनी रूप से लोजपा हमारे पास है। चुनाव आयोग सभी तथ्यों को जानता है। और मैं कहता हूं कि मैं जिस दिन कोर्ट गया उसी दिन फैसला आ जाएगा। मैं तो लोकसभा अध्यक्ष के पास भी गया था और उनके सवाल के जवाब में मैंने बता दिया कि मुख्य सचेतक का काम तब होता है जब सत्र चल रहा हो। वैसे भी पार्टी पर निर्भर करता है कि वह दो सत्रों के बीच सचेतक भी हटा दे। लोकसभा नियमावली के तहत भी एपेंडिक्स चार के 2 एफ में कहा गया है कि लीडर वह होगा जिसके बारे में पार्टी फैसला लेगी। मुझे उम्मीद है कि वह भी सकारात्मक फैसला लेंगे। मैं सौ फीसद निश्चिंत हूं।

सवाल - रामविलास पासवान के राजनीति में बहुत सारे दोस्त थे। चूंकि यह विरासत की लड़ाई चल रही है तो आपको कौन-कौन से दल के किन-किन नेताओं ने फोन किया?

सवाल - किसी का नाम बताना अभी सही नहीं होगा, लेकिन बिहार के सत्ताधारी दल के कई बड़े नेताओं ने भी फोन किया। विपक्ष के राज्य से लेकर केंद्र तक बड़े-छोटे सभी नेताओं ने फोन किया। पिताजी के निधन के वक्त भी उन्होंने संवेदनाएं जताई थीं और अब भी विश्वास दिला रहे हैं कि बिहार की जनता चिराग को ही रामविलास पासवान की विरासत देगी। 


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