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    CEC और EC का अहम फैसला- नहीं लेंगे आयकर लाभ, तीन की जगह एक LTC का करेंगे उपयोग

    ख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडेय ने शुक्रवार को स्वेच्छा से मिल रहे आयकर लाभों को लेने से मना कर दिया। दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहली बैठक की जिसमें कई अहम फैसले लिए गए।

    By Monika MinalEdited By: Updated: Fri, 20 May 2022 05:41 PM (IST)
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    CEC और EC का अहम फैसला- नहीं लेंगे आयकर लाभ, तीन की जगह एक LTC का करेंगे उपयोग

    नई दिल्ली, एएनआइ। मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडेय ने शुक्रवार को स्वेच्छा से मिल रहे आयकर लाभों को लेने से मना कर दिया। दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहली बैठक की जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। CEC व EC ने वर्तमान में मिल रहे किसी भी आयकर लाभ को लेने से इंकार किया और तीन एलटीसी की जगह एक एलटीसी लेने की बात कही है । अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

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    देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) के रूप में राजीव कुमार ने 15 मई को कार्यभार संभाल लिया। वे देश के 25वें मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्त किए गए हैं।  बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले दिनों ही राजीव कुमार को मुख्य चुनाव आयोग के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी। इसी के साथ राजीव कुमार ने सुशील चंद्रा की जगह ले ली है जिन्होंने पिछले पांच विधानसभा चुनाव समेत कई चुनाव संपन्न करवाए थे।

    नए मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त तीन साल से अधिक समय तक रांची के डीएम रह चुके हैं। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राजीव कुमार झारखंड कैडर में आ गए थे। वे भारत सरकार के कई महत्‍वपूर्ण विभागों में भी अलग-अलग पदों पर रहकर बड़ी जिम्‍मेवारियां उठा चुके हैं।

    3.38 लाख शेल कंपनियों के बैंक खाते किए थे फ्रीज

    राजीव कुमार तब चर्चा में आए थे, जब उन्‍होंने तीन लाख से ज्‍यादा शेल कंपनियों पर नकेल कसी थी। चुनाव आयोग के मुताबिक, राजीव कुमार ने वित्तीय सेवा क्षेत्र का पर्यवेक्षण किया। बैंकिंग सेवा क्षेत्र में कई सुधार उन्‍हीं के द्वारा किए गए। उन्होंने फर्जी इक्विटी बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली करीब 3.38 लाख शेल कंपनियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए थे। राजीव कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), SBI, NABARD के केंद्रीय बोर्ड के निदेशक के रूप में भी काम किया है। वह आर्थिक खुफिया परिषद (ईआईसी) के सदस्य, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) के सदस्य रहे हैं।