छत्तीसगढ़ में अब 21 साल की उम्र में बन सकेंगे महापौर, कैबिनेट ने लिए और कई फैसले
नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष चुनाव पर छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, रायपुर। नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष के अप्रत्यक्ष चुनाव पर छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही सरकार ने महापौर पद के लिए आयु सीमा 25 से घटाकर 21 वर्ष कर दी है। नगरीय निकाय चुनाव दलीय आधार पर होंगे और ईवीएम की जगह मतपत्र से चुनाव कराया जाएगा।
चुनावी व्यय की सीमा तय
पार्षद प्रत्याशियों के लिए अभी तक चुनावी खर्च की सीमा नहीं थी। अब नगर पंचायत में 50 हजार, नगर पालिका में डेढ़ लाख, तीन लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों में पांच लाख और तीन लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में तीन लाख तक चुनावी व्यय की सीमा तय कर दी है। मंत्रिमंडल ने दूसरा बड़ा निर्णय यह लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अर्जित की जाने वाली भूमि और उस पर स्थित परिसंपत्तियों के मूल्य की मुआवजा राशि को दो गुना से बढ़ाकर चार गुना कर दिया गया है।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय- pic.twitter.com/4TQtoUbqMe
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 24, 2019
कैबिनेट के अन्य निर्णय
- राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 एक नवंबर से 31 अक्टूबर 2024 के लिए लागू होगी।
- नगरीय निकायों की दुकानों का किराया स्वीकृत प्रीमियम राशि का 7.2 फीसद अधिकतम था, जिसे घटाकर आफसेट प्राइस का दो फीसद किया।
- मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण में जिला पंचायत अध्यक्ष कोरबा को सदस्य के रूप में शामिल किया।
- राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित 14 प्रकरणों को न्यायालय से वापस लिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के स्थान पर तीरथ बरत योजना चलेगी, जिसका कोष 8.65 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया।
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक वेतनमान में दो अस्थायी संवर्गीय पदों का दो वर्ष के लिए सृजन।
- सीआरपीएफ के शहीद आरक्षक नीरज शर्मा के छोटे भाई की जिला बल में विशेष नियुक्ति होगी।
- जबरन रिटायर की गई पुलिस निरीक्षक सविता दास बहाल।
- सरकार ऑनलाइन टेंडर के जरिये स्क्रैप (कबाड़) बेचेगी।
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