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    CG Politics: मंत्रिमंडल का बंटवारा नहीं होने से दोतरफा घिरे मुख्यमंत्री, रमन कैबिनेट के पूर्व मंत्री बाहर

    By Jagran NewsEdited By: Prince Sharma
    Updated: Wed, 27 Dec 2023 06:40 AM (IST)

    CG Politics मुख्यमंत्री अनिर्णय की स्थिति में हैं। मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं कर सके हैं। इस पूरे मामले में भाजपा के पदाधिकारियों ने बीते दिनों मीडिया से चर्चा में कहा था मंत्रिमंडल गठन हो चुका है। अब विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि रमन कैबिनेट के जिन पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया गया था।

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    CG Politics: मंत्रिमंडल का बंटवारा नहीं होने से दोतरफा घिरे मुख्यमंत्री, रमन कैबिनेट के पूर्व मंत्री बाहर

    राज्य ब्यूरो, रायपुर। भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह और मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। यही स्थिति तब है जब सरकार ने अपने घोषणा-पत्र को पूरा करने के लिए लोकसभा चुनाव मद्देनजर मिशन-100 के तहत 100 दिनों की कार्ययोजना निर्धारित कर दी है ,लेकिन मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं होने की वजह से अधिकारी भी विभागीय कार्यों के लिए दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।

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    अब विभागों का बंटवारा भी होना है

    इस पूरे मामले में अब विपक्ष हावी हो चुका है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा में कई बड़े नेता नाराज है। मलाईदार विभाग की चाह में लेटलतीफी हो रही है। मुख्यमंत्री अनिर्णय की स्थिति में हैं। मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं कर सके हैं। इस पूरे मामले में भाजपा के पदाधिकारियों ने बीते दिनों मीडिया से चर्चा में कहा था मंत्रिमंडल गठन हो चुका है। अब विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा।

    राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि रमन कैबिनेट के जिन पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया गया था। उनमें पूर्व मंत्रियों ने चुनाव में बड़ी जीत हासिल की, लेकिन अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर व राजेश मूणत को इस सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। नाराजगी की एक वजह यह भी बताई जा रही हैं। उल्लेखनीय है विष्णुदेव सरकार में नौ मंत्रियों के शपथ लेने के बाद अब मुख्यमंत्री सहित 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल हो चुका है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह में 13 दिसंबर को,वहीं मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 22 दिसंबर को आयोजित हुआ था।

    नेताओं का दबाव

    रमन के पूर्व कैबिनेट का दबाव अब सरकार में देखा जा रहा है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर पुर्नविचार व रमन के पूर्व कैबिनेट के कद्दावर नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव विष्णुदेव सरकार पर आ चुका है। भाजपा के कई बड़े नेताओं के समर्थकों में भी मंत्रिमंडल में दिग्गज नेताओं को बाहर करने पर भीतरी तौर पर आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक आक्रोश खुले तौर पर सामने नहीं आया है।

    मलाईदार विभाग की चाह में लेटलतीफी : कांग्रेस

    मंत्रिमंडल में लेटलतीफी पर कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मंत्रिमंडल के गठन के एक हफ्ते बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं होना कई सवाल खड़े करता है। हर कोई मंत्री मलाईदार विभाग पाना चाहता है। यदि सेवा की भावना होती तो कब का विभागों का बंटवारा हो गया होता।

    विभागों के बंटवारे को लेकर इंटरनेट मीडिया में फिर सूची प्रसारित

    विभागों के बंटवारे को लेकर इंटरनेट मी़डिया में फिर चर्चा छिड़ गई है,वहीं एक बार फिर नई सूची प्रसारित हो रहा है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल की सूची एक से दो दिन के भीतर जारी हो सकती है।

    मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है विभागों का बंटवारा: साय

    मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के सवाल पर दिल्ली से लौटने के बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बयान दिया था कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। मंत्रियों को शीघ्र विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा।

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