NRC से गायब 40 लाख लोगों का नाम मतदाता सूची से अपने आप नहीं हटेंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने बताया, 'यह एनआरसी का सिर्फ मसौदा है। अगले एक माह में इन सभी 40 लाख लोगों को उनके नाम शामिल नहीं किए जाने का कारण बताया जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र । चुनाव आयोग ने बुधवार को साफ किया कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से गायब 40 लाख नाम मतदाता सूची से अपने आप नहीं हट जाएंगे। आयोग का कहना है कि मतदाताओं का पंजीकरण चुनाव कानून से निर्धारित होता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओपी रावत ने बताया, 'यह एनआरसी का सिर्फ मसौदा है। अगले एक माह में इन सभी 40 लाख लोगों को उनके नाम शामिल नहीं किए जाने का कारण बताया जाएगा। इसके बाद, वे अपने दावे और आपत्तियां प्रस्तुत कर सकते हैं। उनके दावों पर फैसले के बाद ही एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।'
सीईसी ने बताया कि असम के मुख्य चुनाव अधिकारी आगामी हफ्ते में एक तथ्यात्मक रिपोर्ट दाखिल करेंगे जिसमें एनआरसी के अंतिम मसौदे के प्रकाशन से उपजे विभिन्न पहलुओं का जिक्र होगा। उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग का ध्येय है कोई मतदाता छूटना नहीं चाहिए। इसीलिए असम के मुख्य चुनाव अधिकारी से एनआरसी के प्रदेश समन्वयक के साथ करीबी तालमेल बनाए रखने के लिए कहा गया है, ताकि समरी रिवीजन-2019 के दौरान सभी योग्य व्यक्तियों को मतदाता सूची में शामिल किया जा सके। इस तरह 2019 के आम चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची चार जनवरी, 2019 तक प्रकाशित कर दी जाएगी।'
ओपी रावत ने स्पष्ट किया कि मतदाताओं का पंजीकरण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत तीन मानकों के आधार पर किया जाता है। पहला, उन्हें भारत का नागरिक होना चाहिए। दूसरा, उनकी उम्र 18 साल हो और तीसरा, वे उस विधानसभा क्षेत्र में रहते हों जिसमें वे मतदाता के रूप में पंजीकृत होना चाहते हैं।