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    Caste Census: 'हम समझौतावादी नहीं, कट्टर...'; जाति जनगणना को लेकर सरकार के फैसले पर राहुल गांधी और लालू यादव ने क्या-क्या कहा?

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 09:06 PM (IST)

    जातीय जनगणना कराने की सरकार की घोषणा के बाद कांग्रेस दफ्तर 24 अकबर रोड पर कानपुर से लौटते ही लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति के फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस नेता ने लोकसभा में की गई अपनी घोषणा का संदर्भ देते हुए कहा कि संसद में हमने कहा था कि जातीय जनगणना करवाकर हम रहेंगे।

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    केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना को लेकर लिए गए फैसले पर विपक्षी नेताओं ने उठाए सवाल।(फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना कराने के सरकार के फैसले को इसको लेकर अपने अभियान की जीत के रूप में पेश करते हुए पूरा समर्थन करने की घोषणा की है।

    जातीय जनगणना को ओबीसी और एससी-एसटी के विकास की केंद्रीय धुरी बताते हुए यह भी कहा है कि अब 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को ध्वस्त करने के लिए भाजपा-एनडीए सरकार पर कांग्रेस दबाव बनाएगी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने निजी शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण लागू करने के लिए अनुच्छेद 15(5) के कार्यान्वयन को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का एलान किया। इस अनुच्छेद के तहत निजी शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

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    अचानक सरकार ने क्यों लिया जाति जनगणना कराने का फैसला: राहुल गांधी

    जातीय जनगणना कराने की सरकार की घोषणा के बाद कांग्रेस दफ्तर 24 अकबर रोड पर कानपुर से लौटते ही लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति के फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस नेता ने लोकसभा में की गई अपनी घोषणा का संदर्भ देते हुए कहा कि संसद में हमने कहा था कि जातीय जनगणना करवाकर हम रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीते 11 साल से यह कहते आ रहे थे कि केवल चार जातियां हैं मगर अचानक आज जातीय जनगणना की घाोषणा कर दी है।

    तेलंगाना मॉडल पर क्या बोले राहुल गांधी?

    राहुल ने कहा कि हम सरकार की घोषणा का समर्थन करते हैं क्योंकि यह हमारा विजन है और चाहे देर से ही सही हमारे विजन को स्वीकार किया है। हमारे सामने जातीय जनगणना का तेलंगाना तथा बिहार का दो मॉडल है और दोनों में जमीन-आसमान का फर्क है।

    कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि तेलंगाना का मॉडल बेहतर है कि इसे बंद कमरे में कुछ चंद नौकरशाहों ने नहीं बल्कि लोगों ने चर्चा-संवाद कर जातीय जनगणना की प्रश्नावली तैयार की गई। इससे पता लगाया जा सकता है कि हमारी संस्थाओं तथा पावर स्ट्रक्चर में ओबीसी, एसी-एसटी की कितनी भागीदारी है। जातीय जनगणना को विकास के नए आयाम का पहला कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को ध्वस्त कराना अगला लक्ष्य है।

    सरकार को जाति जनगणना के लिए बजट देना चाहिए: राहुल गांधी 

    राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को यह बताना भी होगा कि जाति जनगणना कब से शुरू होगी और इसकी समयसीमा क्या होगी। टाइमलाइन बताया जाना इसलिए जरूरी है कि जनगणना में पहले ही देर हो चुकी है तथा इसके लिए बजट पर्याप्त नहीं है। सरकार को इन सबका विस्तृत ब्यौरा देना चाहिए। महिला आरक्षण विधेयक की तरह जातीय जनगणना की घोषणा का हाल न हो इसको लेकर उन्होंने सरकार को आगाह किया। बिहार में चुनाव को देखते हुए अचानक जाति जनगणना कराने का फैसला लिए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।

    जातीय जनणना विकास के नया आयाम का पहला कदम है। भाजपा पर दबाव डालेंगे। जातीय जनगणना के लिए चलाए गए अभियान में पूरी शिद्दत से मेहनत करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा लोगों को इसका श्रेय देते हुए राहुल ने कहा कि उनके संघर्षों का नतीजा है कि सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा है।

    लालू यादव ने क्या कहा? 

    वहीं, राष्ट्रीय जनता दल सुप्रिमो लालू यादव ने कहा केंद्र सरकार के फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा, हम इन संघियों (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को अपने एजेंडा पर नचाते रहेंगे।

    लालू यादव ने एक्स पर लिखा," हम क्या बोले थे? 1990 में मंडल कमीशन लागू करवाने के बाद, हमने सारा ध्यान जाति जनगणना पर लगाया, बिना डरे झुके संघियों की आंख में आंख डाल ललकारा, बारंबार केंद्र सरकार नकारती रही लेकिन आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा। हम समझौतावादी नहीं बल्कि कट्टर समाजवादी है। जो कहते है उसे पूरा करते और कराते है।

    लालू यादव ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था जिस पर बाद में NDA की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया।

    लालू यादव ने आगे लिखा," 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई। मैंने, स्व॰ मुलायम सिंह जी, स्व॰ शरद यादव जी ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप्प किया और बाद में प्रधानमंत्री स्व॰ मनमोहन सिंह जी के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दिया। देश में सर्वप्रथम जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ।"

    उन्होंने कहा कि जिसे हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते है उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते है। जातिगत जनगणना की माँग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला। अभी बहुत कुछ बाक़ी है। हम इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे।

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