Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CAA Notification: 'पीएम मोदी का शुक्रिया', दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष ने पड़ोसी मुल्कों में गैर-मुसलमानों की हालत का किया जिक्र

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 12 Mar 2024 02:09 AM (IST)

    CAA Notification नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा चाहे वह किसी धर्म का हो। दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

    Hero Image
    सीएए लागू होने पर दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

    एएनआई, नई दिल्ली। CAA Notification। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को केंद्र सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को अधिसूचित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले पर दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहां ने प्रतिक्रिया दी है।

    उन्होंने कहा, "मैं केंद्र सराकर के फैसला का इसका स्वागत करती हूं। यह नागरिकता देने का कानून है, छीनने का नहीं। पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हमारे पड़ोसी देशों में गैर-मुसलमानों की हालत अच्छी नहीं है। अगर सरकार उन्हें सम्मानजनक जिंदगी देना चाहती है तो इसमें दिक्कत क्या है?"

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुस्लिम समुदाय को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी: कौसर जहां

    इस फैसले के लिए कौसर जहां ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को इससे कोई खतरा या कोई परेशानी नहीं होने वाली है। मुस्लिम समुदाय को इससे कोई दिक्कत नहीं होगी, घबराने की जरूरत नहीं है।

    यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर, 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी धर्म का हो। अधिकारियों ने कहा कि नागरिकता देने से इन गैर मुस्लिम शरणार्थियों की सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा होगी। इन समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं।

    दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को एक सम्मानजनक जीवन मिलेगा

    इससे उनका आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद का अधिकार भी सुनिश्चित होगा। यह कानून पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा और दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को एक सम्मानजनक जीवन देगा। अधिकारियों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गई हैं।

    लेकिन, यह नागरिकता देने का कानून है। किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का नहीं, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न सहा है और जिनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई अन्य ठिकाना नहीं है।

    भारत का संविधान सरकार को अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले शरणार्थियों को मानवीय दृष्टिकोण से नागरिकता प्रदान करने का अधिकार देता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कोरोना महामारी के कारण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने में देरी हुई। भाजपा ने अपने 2019 के चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि वह नागरिकता संशोधन कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

    यह भी पढ़ें: 'ऐतिहासिक निर्णय के लिए पीएम मोदी का आभार', CAA की अधिसूचना जारी होने पर जेपी नड्डा ने लिखा ये खास संदेश