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    'रोहिंग्याओं की घुसपैठ रोकने के लिए तैनात किए गए बीएसएफ, असम राइफल्स के जवान'

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 31 Jul 2018 12:00 PM (IST)

    लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि रोहिंग्या के घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं।

    'रोहिंग्याओं की घुसपैठ रोकने के लिए तैनात किए गए बीएसएफ, असम राइफल्स के जवान'

    नई दिल्‍ली, जेएनएन। संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को रोहिंग्‍या शरणार्थियों का मुद्दा उठाया गया। लोकसभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रोहिंग्या को लेकर राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है। राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों से आग्रह किया है कि वे राज्य में रोहिंग्याओं की संख्या आदि के बारे में वे गृह मंत्रालय को इसकी सूचना दें। गृह मंत्रालय ये जानकारी विदेश मंत्रालय को देगा। विदेश मंत्रालय म्यांमार के साथ इनको डिपोर्ट करने पर बातचीत करेगा।

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    रोहिंग्या के घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स तैनात

    लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि रोहिंग्या के घुसपैठ को रोकने के लिए बीएसएफ और असम राइफल्स के जवान तैनात किए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि भारत में अब और रोहिंग्‍य घुसपैठ न कर पाएं। भारत में भी 40,000 रोहिंग्या हैं।

    भारत शरणार्थियों को भगाने में यकीन नहीं रखता

    सासंद जुगल किशोर शर्मा ने पूछा कि जम्मू से रोहिंग्या कब बाहर होंगे? इसका जवाब किरन रिजिजू ने दिया। उन्‍होंने कहा, 'रोहिंग्या भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सबसे ज्यादा रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर में है। इनको सुरक्षित म्यांमार भेजने के लिए प्रयास सरकार कर रही है। राज्य सरकारों के साथ इसपर बातचीत जारी है। भारत शरणार्थियों को भगाने में यकीन नहीं रखता, लेकिन एक रेग्युलेटरी जारी करने में क्या बुराई है। हम विदेश मंत्रालय के माध्यम से रोहिंग्या को सुरक्षित रुप से म्यांमार भेजने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन विपक्ष इसका विरोध कर रहा है। हम पहले अपने देश की सुरक्षा चाहते हैं।

    भारत में भी 40,000 रोहिंग्या

    लोकसभा में टीएमसी सांसद सुगत बोस ने सवाल किया कि विदेश मंत्रालय बांग्लादेश में रोहिंग्या के लिए ऑपरेशन इंसानियत चला रहे हैं। भारत में भी 40,000 रोहिंग्या हैं, तो क्या हम इंसानियत सिर्फ उन्हीं के लिए दिखाएंगे जो बांग्लादेश में हैं? इस पर किरन रिजजू ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में अलग-अलग जगहों पर प्रवासी है जिनको नागरिकता एक्ट के प्रावधानों के तहत देखा जाता है और नागरिकता देना या न देना इस एक्ट के प्रावधानो पर निर्भर है।