आप जानते हैं वो प्रधानमंत्री बनेंगे? राहुल गांधी को लेकर हाईकोर्ट ने क्यों की ऐसी टिप्पणी?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के योगदान को नजरअंदाज करने से रोकने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसी याचिका खारिज कर चुका है। याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी पर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करके संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार (15 जुलाई) को एक जनहित याचिका (PIL) को सुनने से साफ इनकार कर दिया। इस याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के योगदान को नजरअंदाज करने से रोकने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही ऐसी ही याचिका को खारिज कर चुका है, जो याचिकाकर्ता पंकज फडणीस ने दायर की थी। पंकज फडणीस अभिनव भारत कांग्रेस के सह-संस्थापक हैं।
उन्होंने राहुल गांधी पर सावरकर के खिलाफ टिप्पणी करके संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
फडणीस ने अपनी याचिका में कहा कि राहुल गांधी ने लंदन में दिए एक भाषण में सावरकर को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। आरोप है कि इस बयान में राहुल गांधी ने कथित तौर पर कहा था, "सावरकर मुसलमानों को गद्दार मानते थे।"
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि राहुल गांधी को सावरकर के योगदान को समझने और ऐसी टिप्पणियों से बचने का निर्देश दिया जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा?
लाइव एंड लॉ के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस संदीप मार्ने की खंडपीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 27 मई को फडणीस की ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया था।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "यह कोर्ट राहुल गांधी को याचिका का अध्ययन करने या सावरकर के योगदान के बारे में कथित अज्ञानता दूर करने का निर्देश नहीं दे सकता।"
कोर्ट ने यह भी बताया कि सावरकर के परपोते सत्याकी सावरकर ने राहुल गांधी के खिलाफ पुणे की एक विशेष MP/MLA कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जो अभी लंबित है।
कोर्ट ने फडणीस की याचिका को खारिज करते हुए उन्हें उचित मंच पर अपनी शिकायत उठाने की छूट दी।
'राहुल प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं...'
खुद अपनी पैरवी करते हुए फडणीस ने कोर्ट में दलील दी कि विपक्ष के नेता (LOP) राहुल गांधी सावरकर के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, "हमारे लोकतंत्र में LOP कल को प्रधानमंत्री बन सकता है। ऐसे में राहुल गांधी को अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। वे युवा दिमागों को भ्रमित कर रहे हैं। नई पीढ़ी प्रधानमंत्री से ज्यादा LOP पर भरोसा करती है।"
जवाब में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा, "हमें नहीं पता कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं। यह आप जानते हैं।"
कोर्ट ने साफ किया कि वे याचिका में मांगी गई राहत को स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में एक अन्य मामले में राहुल गांधी की सावरकर पर टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी और चेतावनी दी थी कि भविष्य में ऐसी टिप्पणियों पर "स्वतः संज्ञान" लिया जाएगा।
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