कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद युवा चेहरों की तलाश में जुटी भाजपा, संतुलन बनाने की होगी कोशिश
भाजपा के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन की नियुक्ति के बाद संगठन के लिए युवा चेहरों की तलाश शुरू हो गई है। विभिन्न राज्यों में सक्रिय युवा ...और पढ़ें

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राष्ट्रीय सचिव तक के पद पर होगा चयन
नीलू रंजन, नई दिल्ली। भाजपा के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष 45 वर्षीय नितिन नवीन की नियुक्त के बाद संगठन के लिए युवा चेहरों की तलाश शुरू हो गई है। इसके तहत विभिन्न राज्यों में सक्रिय कई युवा चेहरों को संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर जगह मिल सकती है। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव से लेकर राष्ट्रीय सचिव तक के पद शामिल हैं।
14 जनवरी के बाद नितिन नवीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पर चयन और उसके बाद राष्ट्रीय परिषद् में उसपर मुहर लगने के बाद राष्ट्रीय संगठन को पुनर्गठित किया जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार नितिन नवीन के साथ पार्टी के संगठन में युवा जोश और अनुभव दोनों के बीच संतुलन साधने की कोशिश होगी।
क्षेत्रीय संतुलन साधने का भी प्रयास
मौजूदा महासचिवों में सुनील बंसल, विनोद तावड़े और तरुण चुग के पास आगे भी यही जिम्मेदारी जारी रह सकती है। वहीं हिमाचल प्रदेश से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, तमिलनाडु के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलई और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री विपल्व देव को महासचिव बनाया जा सकता है। क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए एक-दो और चेहरों पर विचार किया जा रहा है।
अनुराग ठाकुर के पास युवा मोर्चा के साथ-साथ सरकार का भी लंबा अनुभव है, जो सरकार और संगठन के बीच समन्वय की दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है। वहीं आइपीएस नौकरी छोड़कर सीधे भाजपा में आने वाले अन्नामलई तमिलनाडु के साथ-साथ दक्षिण भारत में पार्टी का जनाधार बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देगी पार्टी
वहीं त्रिपुरा में वामपंथी सरकार को हराकर कमल खिलाने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री बने विपल्व देव पूर्वोत्तर भारत के उन बड़े नेताओं में हैं, जो मूल रूप से भाजपा से आए हैं। संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर भाजपा पूर्वोत्तर भारत के कार्यकर्ताओं को बड़ा संदेश देने की कोशिश करेगी।
इसी तरह से राष्ट्रीय सचिव के लिए नए चेहरों को ज्यादा जोर दिये जाने की बात कही जा रही है। पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। नए पदाधिकारियों के चयन में पूरा जोर भाजपा संगठन को जमीनी स्तर पर देश के कोने कोने तक मजबूत करने पर होगी।

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