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    खरगे के बयान पर भड़की भाजपा, कहा- पीएफआइ, मुस्लिम लीग की भाषा बोल रहे खरगे

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 05:34 AM (IST)

    भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आरएसएस पर की गई टिप्पणी की निंदा की और उन पर पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ), मुस्लिम लीग और जमीयत उलमा-ए-हिंद की भाषा बोलने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, हम आरएसएस पर खरगे की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं।

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    पात्रा ने कहा, आपत्तिजनक टिप्पणी करने से पहले आरएसएस का इतिहास पढ़ें खरगे (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आरएसएस पर की गई टिप्पणी की निंदा की और उन पर पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ), मुस्लिम लीग और जमीयत उलमा-ए-हिंद की भाषा बोलने का आरोप लगाया।

    खरगे की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं- भाजपा

    भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, हम आरएसएस पर खरगे की टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। भाजपा सांसद ने कहा, आज खरगे ने आरएसएस के बारे में जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह पापुलर फ्रंट आफ इंडिया, मुस्लिम लीग और जमीयत उलमा-ए-हिंद की भाषा है।

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    कांग्रेस को आरएसएस और देश का इतिहास पढ़ना चाहिए

    आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करने से पहले आरएसएस और देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। खरगे को यह भी जानना और समझना चाहिए कि महात्मा गांधी, बीआर आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने संघ के बारे में क्या कहा था।

    पात्रा ने कहा कि 1934 में वर्धा में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि वह संगठन में अनुशासन और अस्पृश्यता की अनुपस्थिति देखकर बहुत आश्चर्यचकित थे।

    1939 में पुणे में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद आंबेडकर ने कहा कि वह संगठन में उच्च जातियों और निम्न जातियों के बीच पूर्ण समानता देखकर प्रसन्न थे। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद जवाहरलाल नेहरू ने संघ को 1963 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था और संघ ने इसमें भाग लिया था.. यह सब इतिहास में दर्ज है।

    प्रणब मुखर्जी ने संघ की प्रशंसा की थी

    भाजपा नेता ने कहा कि जहां तक महात्मा गांधी की हत्या का सवाल है, कपूर आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि आरएसएस का इससे कोई लेना-देना नहीं था और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सार्वजनिक है। महात्मा गांधी और नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और प्रणब मुखर्जी तक, सभी ने संघ की प्रशंसा की है।