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    लोकसभा में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में ली शपथ, विपक्ष ने किया हंगामा

    By TaniskEdited By:
    Updated: Mon, 17 Jun 2019 05:59 PM (IST)

    भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा सदस्य के रूप में संस्कृत शपथ ली। उन्होंने जैसे ही अपने गुरू नाम लिया विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर ...और पढ़ें

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    लोकसभा में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में ली शपथ, विपक्ष ने किया हंगामा

    नई दिल्ली, एएनआइ। भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ले ली है। उनके शपथ ग्रहण के दौरान लोकसभा में काफी हंगामा हुआ। साध्वी प्रज्ञा जैसे ही शपथ लेने पहुंचीं, विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो गया। दरअसल उन्होंने संस्कृत में शपथ ली। उन्होंने जैसे ही अपने गुरू का नाम लिया, विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया और कहा कि वे सिर्फ अपने नाम का ही उच्चारण करें। 

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    शपथ लेते वक्त साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में कहा, 'मैं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी लोकसभा सदस्य के रूप में...' इसी बीच विपक्ष के कुछ सांसदों ने हंगामा शुरु कर दिया। इसके बाद साध्वी प्रज्ञा रुक गईं। उन्होंने कहा कि उनके गुरु, स्वामी अवधेशानंद गिरि के नाम का उल्लेख उस रिकॉर्ड में नहीं किया गया था जो उन्होंने चुनावी हलफनामे में प्रस्तुत किया था और नियमों के तहत यह नाम लेने की अनुमति नहीं है।

    प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वे रिकॉर्ड की जांच कराएंगे और उसके अनुसार इस मामले की संज्ञान लेंगे। हंगामे के बीच, लोकसभा के अधिकारियों ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर से कहा कि वह अपनी शपथ में पिता का नाम लें। इस दौरान वीरेंद्र कुमार फाइलों की जांच करते देखे गए। उन्होंने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव आयोग द्वारा जारी जीत के प्रमाण पत्र देने को कहा। वह सभी विपक्षी सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाए रखने का अनुरोध कर रहे थे ताकि शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो सके।

    दो बार खलल के बाद, प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने तीसरे प्रयास में अपना शपथ पूरा किया। लोकसभा चुनाव में साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के दिग्गज नेता और दो बार के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराया था। साध्वी प्रज्ञा 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट कांड की आरोपी हैं, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि उन्होंने चुनाव के दौरान नाथूराम गोडसे 26/11 हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे और कई विवादित ब्यान दिए थे। चुनाव में जीत के बाद उन्होंने कहा था कि वे सांसद के तौर पर वेतन नहीं लेंगी। वो इसका वेतन का उपयोग देश और जरूरतमंदों के लिए करेंगी।  

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