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    PAC Meeting: भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने लगाए केसी वेणुगोपाल पर आरोप, कहा- हमें बोलने नहीं दिया गया

    एनडीए नेता गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलने जा रहे हैं। दरअसल भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि पीएसी की बैठक में अपनाई गई प्रक्रिया को लेकर हमारे मन में गंभीर शंकाएं थीं...पीएसी के अध्यक्ष (केसी वेणुगोपाल) का आज का आचरण जिस तरह से उन्होंने हमें बोलने नहीं दिया और चले गए वह असंसदीय और राजनीति से प्रेरित है।

    By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 24 Oct 2024 01:35 PM (IST)
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    भाजपा नेता ने लगाए केसी वेणुगोपाल पर आरोप (फोटो- ANI)

    एएनआई, नई दिल्ली। एनडीए नेता गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले। दरअसल, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि पीएसी की बैठक में अपनाई गई प्रक्रिया को लेकर हमारे मन में गंभीर शंकाएं थीं...पीएसी के अध्यक्ष (केसी वेणुगोपाल) का आज का आचरण, जिस तरह से उन्होंने हमें बोलने नहीं दिया और चले गए, वह असंसदीय और राजनीति से प्रेरित है।

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    बीजेपी ने लगाया आरोप

    पीएसी के चेयरमैन की शिकायत करने के लिए एनडीए के सांसद लोकसभा स्पीकर के पास पहुंचे और उनका कहना है कि केसी वेणुगोपाल की मंशा देश के वित्तीय ढांचे को तोड़ने का प्रयास है। इसी संबंध में कुछ दिनों पहले निश्किांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को खत लिखा था कि पीएसी को माधवी बुच को बुलाने का कोई अधिकार नहीं है।

    बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद के अनुसार, हर स्टैंडिग कमेटी उस विभाग से संबंधित रेगुलेटरी कमेटी का रिव्यू करती है। लेकिन पीएसी चेयरमैन ने खुद से निर्णय लेकर सेबी चेयरमैन माधवी बुच को बुलाया, यह उन्होंने कैसे तय किया। पीएसी का काम सीएजी के रिपोर्ट पर विचार करना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सेबी के ऊपर कोई पैराग्रॉफ नहीं दिया है। यह पूरी जांच असंसदीय है, पीड़ादायक है और सभी मेंबर दुखी थे।

    PAC की बैठक हुई स्थगित

    मिली जानकारी के अनुसार, SEBI की प्रमुख माधवी पुरी बुच की गैरमौजूदगी के कारण संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की आज (गुरुवार) की बैठक स्थगित कर दी गई है। PAC के प्रमुख केसी वेणुगोपाल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि माधवी पुरी बुच के उपस्थित होने में असमर्थता जताने के कारण समिति की आज प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई है।

    वेणुगोपाल ने बताया कि बुच की तरफ से सूचित किया गया कि निजी वजहों के चलते वह दिल्ली नहीं पहुंच सकेंगी। वेणुगोपाल ने कहा, समिति की पहली बैठक में हमने फैसला किया था कि पहले विषय के रूप में हमारी नियामक संस्थाओं की समीक्षा की जाए। इसलिए हमने आज सेबी की प्रमुख को इस संस्था की समीक्षा के लिए बुलाया था।

    बैठक के एजेंडे में ‘‘संसद के अधिनियम से स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा’’ के लिए समिति के निर्णय के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य शामिल थे।

    एजेंडे में कानून द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा को शामिल करने के समिति के फैसले का कोई विरोध नहीं हुआ था। हालांकि बुच को बुलाने के वेणुगोपाल के कदम ने सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को परेशान कर दिया था, क्योंकि वह अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग’ के आरोपों से खड़े हुए राजनीतिक विवाद के केंद्रबिंदु में रही हैं।

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